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सुधरेगी अर्थव्यवस्था: केरल के तट से टकराया मानसून, होगी झमाझम बारिश

निजी एजेंसी स्काईमेट ने इस बात का दावा किया है कि भारतीय मौसम विभाग ने कहा था कि मानसून एक जून को केरल तट से टकराएगा, लेकिन अब दो दिन पहले ही इसकी आने की खबर है।

SK Gautam
Published on: 30 May 2020 1:55 PM GMT
सुधरेगी अर्थव्यवस्था: केरल के तट से टकराया मानसून, होगी झमाझम बारिश
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नई दिल्ली: मौसम के बदलते मिजाज़ ने भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान को भी धोखा दे दिया। मौसम विभाग के अनुसार मानसून एक जून को केरल के तट से टकराने वाला था। लेकिन मानसून शनिवार को ही केरल के तट से टकराया है। निजी एजेंसी स्काईमेट ने इस बात का दावा किया है कि भारतीय मौसम विभाग ने कहा था कि मानसून एक जून को केरल तट से टकराएगा, लेकिन अब दो दिन पहले ही इसकी आने की खबर है।

देश में जून से सितंबर के बीच 75 फीसदी बारिश होती है

निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के सीईओ जतिन सिंह ने कहा कि केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन की घोषणा करने के लिए बारिश, आउटवेव लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) मूल्य और हवा की गति जैसी सभी स्थितियों की निगरानी पूरी तरह से की गई है। केरल के तट से मानसून के टकराने के बाद देश में चार महीने की बारिश के मौसम की शुरुआत होती है। देश में जून से सितंबर के बीच 75 फीसदी बारिश होती है।

मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि इस बार मानसून औसत ही रहने वाला है। विभाग के मुताबिक 96 से 100 प्रतिशत बारिश को सामान्य मानसून माना जाता है। पिछले साल यह आठ दिन की देरी से आठ जून को केरल के समुद्र तट से टकराया था। भारत में जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून से बारिश होती है।

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अच्छा मॉनसून भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण

कोरोना वायरस के कहर ने भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमर ही तोड़ दी है। अब मॉनसून की झमाझम बारिश देश में मंदी की मार को दूर करने में कारगर साबित हो सकती है। कृषि प्रधान भारत में मानसून सामान्य रहने से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। भारत में ज्यादातर किसान खरीफ की फसलों की सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहते हैं।

आम तौर पर सबसे पहले केरल में दस्तक देने वाला दक्षिण-पश्चिम मॉनसून भारत में हर साल जून से लेकर सितंबर तक चार महीनों तक रहता है। इसके बाद अलग-अलग वक्त पर यह देश की अलग-अलग जगहों पर पहुंचता है।

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अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम-दक्षिणपश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना

भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर और उसके बाद पश्चिम-दक्षिणपश्चिम की ओर इसकी बढ़ने की संभावना है। तीन जून तक यह गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र के तटों की ओर बढ़ सकता है।

SK Gautam

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