डेबिट-क्रेडिट कार्ड धारकों पर खतरा: डेटा लीक हुआ लीक, जानें क्या-क्या हुआ चोरी

करीब 70 लाख से ज्यादा भारतीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी निजी डेटा ऑनलाइन लीक हो गई है। माना जा रहा है कि इन डेटा को संभावित ग्राहकों को बेचा जा सकता है। 

Shreya
Published on: 11 Dec 2020 5:21 AM GMT
डेबिट-क्रेडिट कार्ड धारकों पर खतरा: डेटा लीक हुआ लीक, जानें क्या-क्या हुआ चोरी
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70 लाख से अधिक भारतीय क्रेडिट व डेबिट कार्ड का डेटा लीक हो गया है

नई दिल्ली: भारतीय खाताधारकों को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। दावा किया जा रहा है कि करीब 70 लाख से ज्यादा भारतीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड (Debit And Credit Card) से जुड़ी निजी डेटा ऑनलाइन लीक हो गई है। ये दावा भारतीय साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर, राजशेखर राजाहरिया ने किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजाहरिया को यह जानकारी डार्क वेब फोरम (Dark Web Forum) के माध्यम से मिली है, जहां इन डेटा को संभावित ग्राहकों को बेचा जा सकता है।

गलत साइबर एक्टिविटी के लिए किया जा सकता है इस्तेमाल

अब इस बात की चिंता जताई जा रही है कि इन डेबिट और क्रेडिट कार्ड से संबंधित निजी जानकारियों का इस्तेमाल गलत साइबर एक्टिविटी (Cyber ​​Activity) के लिए किया जा सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि डेबिट व क्रेडिट कार्ड से जुड़े लीक हुए कुल डेटा की साइज करीब 1.30 GB है। हालांकि राहत की बात यह है कि लीक हुए डेटा में कोई ऐसी जानकारी नहीं है, जिसके जरिए कोई फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन किया जा सके।

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data leak (सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)

इस बारे में है जानकारी

लीक हुए डेटा में क्रेडिट या डेबिट कार्ड के नंबर को लेकर कोई जानकारी नहीं है, लेकिन इसमें कार्डहोल्डर्स के फोन नंबर्स, क्रेडिट कार्ड टाइप, इनकम स्टेटस, एनुअली इनकम, डेट ऑफ बर्थ, शहर और कुछ मामलों में पहचान पत्र के बारे में जानकारी है। जिसका फायदा उठाया जा सकता है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि लीक हुए डेटा में करीब पांच लाख पैन नंबर (PAN Number) भी हैं। डेटा से पता चला है कि इन्हें कई तरह के सोर्स से जुटाया गया है।

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डार्क वेब पर जारी किया गया फोल्डर

अब ऐसा माना जा रहा है कि बैंकों के थर्ड पार्टी सर्विस पार्टनर्स ने ही ऐसी संवेदनशील जानकारियों को असुरक्षित रूप से रखा है। गौर करने वाली बात है कि जिन क्रेडिट व डेबिट कार्ड से संबंधित डेटा लीक हुए हैं, वो देश के अलग-अलग शहरों से हैं। अब इन डेटा से संबंधित एक फोल्डर डार्क वेब पर जारी कर दिया गया है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इसे बेचा भी जा सकता है। हालांकि यह बता पाना मुश्किल है कि इन डेटा में मौजूदा जानकारी अटैकर्स के लिए कितने काम की साबित होती है।

CERT-In को दी गई जानकारी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजाहरिया ने कहा है कि क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़ी लीक हुए डेटा को लेकर सबसे पहले जानकारी, देश की साइबर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम CERT-In को दी गई थी। हालांकि, अभी तक उन्हें टीम की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

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