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MP Election 2023: कांग्रेस ने तेज किए सिंधिया पर हमले, राज बब्बर बोले – सत्ता में आए तो महल को चौपाटी में बदल देंगे
MP Election 2023: पांच साल पहले कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़ने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार भाजपाई खेमे में हैं। लिहाजा वे अपने पुराने कांग्रेस साथियों के निशाने पर बीजेपी नेताओं से अधिक हैं।
jyotiraditya scindia and Raj Babbar(photo: social media )
MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान चरम पर है। मतदान को अब एक हफ्ते से भी कम का वक्त रह गया है। जैसे – जैसे समय नजदीक आ रहा है, नेताओं के बोल तीखे होते जा रहे हैं। पांच साल पहले कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़ने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार भाजपाई खेमे में हैं। लिहाजा वे अपने पुराने कांग्रेस साथियों के निशाने पर बीजेपी नेताओं से अधिक हैं।
15 साल बाद बनी कांग्रेस सरकार को महज 15 माह में ही सत्ता से विदा होने के लिए विवश करने वाले सिंधिया पर कांग्रेस नेता तीखा प्रहार कर रहे हैं। अब तो उनकी पुश्तैनी संपत्ति को भी निशाना बनाने की बात कही जाने लगी है। चुनाव प्रचार के सिलसिले में ग्वालियर आए वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि मध्य प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार आती है तो सिंधिया के महल को चौपाटी में बदल दिया जाएगा।
सिंधिया के महल में चाट खाएगी जनता
सिंधिया का गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर में मीडिया को संबोधित करते हुए राज बब्बर ने कहा, गरीबों ने महल नहीं देखे हैं। जब कांग्रेस सरकार में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा तो लोग महल भी देखऩे जाएंगे क्योंकि महल आखिर है तो जनता और ग्वालियर का ही। इसलिए जनता महल में जाएगी और मजे से वहां चाट खाएगी। उन्होंने आगे कहा कि मैं बचपन से ग्वालियर आ रहा हूं, यहां कोई विकास का काम नहीं हुआ है। अभिनेता से राजनेता बने बब्बर ने कहा कि सिंधिया ने बहुत मौज कर ली है, अब जनता मौज करेगी।
दिग्गी राजा भी खूब साध रहे निशाना
ग्वालियर – चंबल से ही आने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी इन दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर खूब हमलावर दिखते हैं। वे अपनी सभाओं में कहते हैं कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि सिंधिया घराने के महाराजा कांग्रेस पार्टी के साथ धोखा करेंगे। उन्होंने कहा कि बड़े महाराज को इंदिरा और राजीव गांधी ने मंत्री बनाया, सांसद बनाया। कांग्रेस ने ज्योदिरादित्य सिंधिया को दो-दो बार मंत्री बनाया लेकिन फिर भी वे कांग्रेस छोड़कर चले गए।
दरअसल, 2020 में कांग्रेस से सिंधिया की बगावत की एक बड़ी वजह प्रदेश के दो बड़े नेताओं दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को भी माना जाता है। बताया जाता है कि चुनाव में चेहरा बनाए जाने के बाद जब मुख्यमंत्री बनाने की बारी आई तो कमलनाथ को तरजीह दी गई। इसके बाद सरकार में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबियों के साथ भेदभाव शुरू होने लगा। जिसने आखिरकार प्रदेश से कमलनाथ सरकार की और कांग्रेस से सिंधिया की विदाई की पटकथा तैयार कर दी।
बता दें कि मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा। जिसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। पिछली बार सिंधिया के रहते हुए कांग्रेस ने ग्वालियर – चंबल की 34 में से 26 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार क्या पार्टी वैसा प्रदर्शन दोहरा पाएगा या सिंधिया वैसी कामयाबी बीजेपी को दिला पाएंगे, देखना दिलचस्प होगा।