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घटना 2013 की है जब बीएमसी के ऐंबुलेंस चालक रामचंद्र जोरे को सड़क पार करने के दौरान 18 साल के एक युवक ने बाइक से टक्कर मार दी थी। एक्सीडेंट की इस घटना में रामचंद्र की मौत हो गयी थी।
मुंबई: सड़क हादसे के शिकार ऐंबुलेंस चालक के परिजन को मोटर व्हीकल एक्सीडेंट क्लेम ट्राइब्यूनल ने लगभग 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
ट्राइब्यूनल ने इंश्योरेंस कंपनी से यह भी कहा कि कंपनी को मुआवजे की राशि एक्सीडेंट के लिये जिम्मेदार बाइक मालिक से वसूलने की छूट है।
घटना 2013 की है जब बीएमसी के ऐंबुलेंस चालक रामचंद्र जोरे को सड़क पार करने के दौरान 18 साल के एक युवक ने बाइक से टक्कर मार दी थी। एक्सीडेंट की इस घटना में रामचंद्र की मौत हो गयी थी।
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ट्राइब्यूनल ने कहा कि ‘पे ऐंड रिकवर’ के नियम के मुताबिक, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को मृतक के परिजन को मुआवजा देना चाहिए।
कंपनी बाइक के मालिक से यह राशि वसूलने को स्वतंत्र है. पति की मौत के बाद जोरे की पत्नी प्रणाली ने मुआवजे के लिए इंश्योरेंस कंपनी में क्लेम किया था।
ट्राइब्यूनल ने प्रणाली के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 75.60 लाख रुपये का मुआवजा तय किया। इसके अलावा मौत की शिकायत दर्ज कराने की तारीख तक 7.5 प्रतिशत ब्याज भी जोड़ने का निर्देश दिया गया।
इस तरह से प्रणाली को ब्याज समेत 37.60 लाख रुपये और बच्चों को 18.75 लाख रुपये दिए जाएंगे। बच्चों के बालिग होने तक राशि एक फिक्स्ड डिपॉजिट खाते में जमा कराई जाएगी।
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