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सुशांत सुसाइड केस: CBI जांच पर राजनीति तेज, बिहार सरकार की हुई आलोचना
अब महाराष्ट्र सरकार में साथी NCP और कांग्रेस ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच कराने की बिहार सरकार की सिफारिश की आलोचना की है।
मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अब राजनीति भी तेज हो गई है। जबसे सुशांत के पिता ने सुशांत की गर्लफ्रैंड और बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ बिहार में FIR दर्ज कराई है और जबसे उसके बाद से बिहार पुलिस इस केस में कूदी है तब से इस केस में हलचल बढ़ गई है। और राजनीति तेज हो गई है। अब महाराष्ट्र सरकार में साथी NCP और कांग्रेस ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच कराने की बिहार सरकार की सिफारिश की आलोचना की है। और कहा है कि यह राज्य सरकार के अधिकार का अतिक्रमण करता है और संविधान को "तबाह" करने में भाजपा की मदद करता है।
CBI जांच को लेकर राजनीति तेज
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एवं एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश करके कोविड-19 से निपटने में अपनी "नाकामी" से ध्यान हटाने की शायद कोशिश कर रही है। अब एक बात तो साफ है कि जबसे बिहार पुलिस ने इस केस में जांच शुरू की है तबसे मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार लगातार सवालों के घेरे में आ रहे हैं। और ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस रिया चक्रवर्ती को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। दूसरी ओर बिहार पुलिस और बिहार सरकार अब इस मामले में तेजी से जांच कर रहे हैं।
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इस बीच अभी कुछ घंटों पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी सरकार ने राजपूत की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। वहीं सुशांत के पिता भी सीबीआई जांच की सिफारिश और मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में सत्तारुढ़ एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा बिहार सरकार का फैसला संघीय ढांचे को कमजोर कर रहा है। मलिक ने कहा, "क्या महाराष्ट्र में हुए अपराध को लेकर उनका (बिहार सरकार का) कोई अधिकार-क्षेत्र है?"
सीबीआई जांच की नहीं कोई ज़रूरत
ये बात भी सोचने वाली है कि आखिर ऐसी क्या बात है जो महाराष्ट्र सरकार सीबीआई जांच से इतना घबरा रही है। अकेले नवाब मलिक ही नहीं इससे पहले भी NCP नेता अनिल देशमुख ने इस केस में सीबीआई जांच की कोई ज़रूरत नहीं बताई थी। देशमुख ने कहा था कि मामले में सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि मुंबई पुलिस मामले से निपटने में सक्षम है।
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वहीं नवाब मलिक ने कहा "मिसाल के तौर पर, कल को मुंबई में रहने वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए अपराध के लिए मामला दर्ज किया जाता है तो क्या महाराष्ट्र सरकार भी मुंबई में मामला दर्ज करेगी और पुलिस उत्तर प्रदेश जांच के लिए जाएगी? यह सवाल अधिकार क्षेत्र का है।" उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिहार सरकार व्यवहार कर रही है, उससे वह संकट पैदा कर रही है। उन्होंने कहा, "यह दूसरे राज्य के अधिकार के अतिक्रमण के समान है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में दुरूस्त नहीं है।"
बिहार सरकार कर रही संविधान नष्ट करने में भाजपा की मदद
महाराष्ट्र की पूरी सरकार सुशांत की मौत के मामले में सीबीआई जांच के लिए किसी भी तरह से तैयार नहीं हैं। इसके लिए अब महाराष्ट्र सरकार और बिहार सरकार में लगातार खींचतान ज़ारी है। इस बीट महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार सीबीआई जांच के फैसले से "संविधान को नष्ट" करने में भाजपा की मदद कर रही है।
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नीतीश कुमार नीत जदयू की गठबंधन सरकार में भाजपा साझेदार है। सावंत ने ट्वीट किया, "मोदी सरकार और भाजपा भारत में लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रही है। यह देखकर दुख होता है कि भाजपा के गठबंधन साझेदार संविधान को नष्ट करने में उनकी मदद कर रहे हैं जो राजनीतिक फायदे के लिए संघीय ढांचे को स्थायी रूप से चोट पहुंचाएगा। उम्मीद है कि अदालतें देश के लिए हमारी चिंता को साझा करेंगी।"