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Political News: शरद पवार ने NCP में किया बड़ा बदलाव,बेटी सुप्रिया और प्रफुल्ल को बनाया कार्यकारी अध्यक्ष,भतीजे को झटका
Political News:शरद पवार ने शनिवार को पार्टी में बड़ा फेरबदल करते हुए अपने भतीजे और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार को करारा झटका दिया है।
Political News: राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) के मुखिया शरद पवार ने शनिवार को पार्टी में बड़ा फेरबदल करते हुए अपने भतीजे और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार को करारा झटका दिया है। पवार ने अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। प्रफुल्ल पटेल को भी पवार का काफी करीबी माना जाता रहा है।
पिछले मई महीने में पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर सियासी तूफान खड़ा करने वाले पवार ने पार्टी में दो नए कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करके सबको चौंका दिया है। वैसे पवार ने पहले ही पार्टी में फेरबदल का संकेत दिया था। शनिवार को एनसीपी के 25वें स्थापना दिवस के मौके पर पर पवार ने यह बड़ा ऐलान किया। खास बात यह है कि उन्होंने यह ऐलान अपने भतीजे अजित पवार की मौजूदगी में किया। उनका यह कदम अजित पवार के लिए बड़ा सियासी झटका माना जा रहा है।
पवार ने मई में उठाया था बड़ा कदम
एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने गत 2 मई को पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था। हालांकि बाद में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के भारी दबाव के कारण उन्होंने 6 मई को इस्तीफा वापस लेने का ऐलान कर दिया था। उनका कहना था कि मैं पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की अनदेखी या अपमान नहीं कर सकता। उन्होंने कोर कमेटी के फैसले का सम्मान करते हुए अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस लेने का ऐलान किया था। कोर कमेटी ने अपनी पहली बैठक में ही पवार के अलावा किसी दूसरे को अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना को खारिज कर दिया था।
सुप्रिया और प्रफुल्ल को सहयोग देने की अपील
पवार के इस कदम के बाद ही पार्टी में जल्द ही बड़े बदलाव की उम्मीद जताई जा रही थी। शनिवार को इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पवार ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल की ताजपोशी करने का ऐलान किया।
उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूत बनाने के लिए डटकर काम करने की अपील की। पवार ने कहा कि सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया है और सभी को इन दोनों नेताओं का सहयोग करना चाहिए। इस मौके पर पवार ने पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक का जिक्र करते हुए विपक्षी दलों में एकजुटता की वकालत की।
अलग-अलग राज्यों की सौंपी जिम्मेदारी
एनसीपी में किए गए बदलाव के मुताबिक सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के साथ हरियाणा और पंजाब की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें महिला और युवा विंग के साथ ही लोकसभा में समन्वय का काम भी सौंपा गया है। प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान और गोवा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
एनसीपी के वरिष्ठ नेता सुनील तटकरे अब राष्ट्रीय महासचिव की भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही उन्हें ओडिशा और पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया है। तटकरे को किसान और अल्पसंख्यक विभाग के प्रभारी की भूमिका भी दी गई है। नंदा शास्त्री को दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है जबकि फैसल को तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल की जिम्मेदारी दी गई है।
भतीजे अजित पवार को दिया बड़ा झटका
शरद पवार की ओर से उठाए गए इस कदम को उनके भतीजे अजित पवार के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है। महाराष्ट्र की सियासत में पिछले काफी दिनों से शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच खींचतान की खबरें आती रही हैं। सियासी जानकारों का मानना था कि अजित पवार एनसीपी को महाविकास अघाड़ी गठबंधन से से निकालकर भाजपा के साथ ले जाने के इच्छुक थे। हालांकि उन्हें अपने काम में कामयाबी नहीं मिल सकी। शरद पवार किसी भी सूरत में भाजपा के साथ तालमेल करने के लिए तैयार नहीं थे।
कार्यकारी अध्यक्ष पद के लिए अजित पवार के साथ महाराष्ट्र एनसीपी के प्रमुख जयंत पाटिल को भी दावेदार माना जा रहा था मगर पवार ने सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल पर भरोसा जताया।
दो कार्यकारी अध्यक्ष के कदम को भी शरद पवार का सियासी दांव माना जा रहा है। सिर्फ सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर पवार पर परिवारवाद को लेकर आरोप लगाए जा सकते थे और इसलिए उन्होंने प्रफुल पटेल को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाया। वैसे सियासी जानकारों का मानना है कि पवार ने अपने कदम से साफ कर दिया है कि सुप्रिया सुले ही उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी होंगी।
सुप्रिया ने जताया आभार
पवार की ओर से एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सुप्रिया सुले ने कहा कि वे भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगी। उन्होंने इस बाबत ट्वीट करते हुए कहा कि एनसीपी के वर्षगांठ के मौके पर मुझे और प्रफुल्ल भाई पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है और पार्टी नेतृत्व की ओर से उठाए गए इस कदम के लिए मैं आभारी हूं।
उन्होंने कहा कि मुझे पूर्व में भी एनसीपी के नेताओं, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों का समर्थन मिलता रहा है और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह आगे भी बना रहेगा। मैं पवार साहब और पार्टी के अन्य नेताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगी।
भतीजे की अपेक्षा बेटी को तरजीह
सुप्रिया सुले ने सितंबर 2006 में राज्यसभा सदस्य के रूप में सियासी मैदान में एंट्री की थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में वे बारामती सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रही थीं। बारामती को पवार की परंपरागत सीट माना जाता रहा है मगर 2009 में उन्होंने इस सीट को अपनी बेटी को सौंप दिया था। अब पवार की ओर से बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाने से साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में एनसीपी में सुप्रिया सुले की प्रमुख भूमिका होगी।
सियासी जानकारों का मानना है कि पवार ने अपने इस कदम से साफ कर दिया है कि वे एनसीपी में भतीजे की अपेक्षा सुप्रिया सुले को आगे बढ़ाने के पक्षधर हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में अजित पवार की ओर से क्या सियासी कदम उठाया जाता है।