×

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड: फिर टली आरोपितों की सजा, अब 20 जनवरी को फैसला 

बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसले की घोषणा 20 जनवरी तक टाल दी थी। बता दें कि इससे पहले भी दो बार इस मामले में कोर्ट फैसले की तिथि को टाल चुकी है।

Shivani Awasthi
Published on: 14 Jan 2020 12:09 PM IST
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड: फिर टली आरोपितों की सजा, अब 20 जनवरी को फैसला 
X

पटना: बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड (Muzaffarpur shelter home case) पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसले की घोषणा 20 जनवरी तक टाल दी थी। बता दें कि इससे पहले भी दो बार इस मामले में कोर्ट फैसले की तिथि को टाल चुकी है। दिल्ली स्थित साकेत पॉस्को कोर्ट फैसला सुनाने वाला है। कोर्ट आरोपितों को पहले दोषी करार देगा, जिसके बाद सजा के बिंदु पर सुनवाई होगी। इस मामले में सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपित बताया था।

दो बार पहले भी टल चुका फैसला:

दोषियों को सजा सुनाने के लिए पहले 14 नंवबर और फिर 12 दिसंबर 2019 को फैसले की तारीख तय की गई थी, लेकिन पहली बार वकीलों की हड़ताल और दूसरी बार जज के छुट्टी पर चले जाने के लिए सजा का ऐलान टल गया था। वही आज फिर साकेत कोर्ट ने फैसला 20 जनवरी तक के लिए टाल दिया है।

ये भी पढ़ें: CAA पर BJP को झटका: मुस्लिम नेता छोड़ रहे साथ, ताबड़तोड़ इस्तीफे से हड़कंप

क्या है मामला:

दरअसल, मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। इस गुनाह में एक पूरा नेक्सस काम करता था जिसका मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर था। वह अन्य आरोपितों के साथ मिलकर लड़कियों को गंदे भोजपुरी गानों पर डांस करने को विवश करता था और लड़कियों को दूसरे के पास भेजता भी था। मामले की जांच सीबीआई ने की थी, जिसके बाद आरोपितों को दोषी करार देने को लेकर सुनवाई हो रही है।

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: CBI ने SC से कही ये चौंकाने वाली बात

ये हैं बच्चियों के गुनहगार:

सीबीआई ने इस मामले में 21 लोगों को आरोपित बताया है। इनमे मुख्य आरोपी हैं ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ़ मधु और रवि कुमार रोशन।

ये भी पढ़ें: इनसे है प्यार तो गुजरात आए आप, मिलेगा जन्नत वाला एहसास

ब्रजेश ठाकुर बालिका गृह का मालिक था और वही इसका संचालन करता था। उस पर बालिका गृह की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है।

बालिका गृह का काम एनजीओ सेवा संकल्प और विकास समिति के जरिये होता था। शाइस्ता परवीन उर्फ मधु एनजीओ सेवा संकल्प और विकास समिति के प्रबंधन से जुड़ी थी और ब्रजेश ठाकुर की खास राजदार थी। आरोप लगा कि वहीं लड़कियों को सेक्स की शिक्षा देती थी और गंदे गाने पर डांस करने को विवश करती थी।

ये भी पढ़ें: दरिंदगी की सारी हदें पार: गर्भवती को पहले जलाया और फिर…

रवि कुमार रोशन बाल संरक्षण पदाधिकारी (सीपीओ) था। रवि पर भी ब्रजेश के साथ-साथ अधिकतर लड़कियों ने दुष्कर्म का आरोप लगा है। वहीं बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य विकास कुमार पर भी लड़कियों ने दुष्कर्म का आरोप है। विकास पर लडकियों को स्लीपिंग पिल्स देने का आरोप है।

इन पर भी आरोप:

बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रहे दिलीप वर्मा, सदस्य विकास कुमार, बालिका गृह की कर्मचारी इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल, किशन राम उर्फ कृष्णा, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी, विक्की, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहब, डॉ प्रोमिला भी केस में शामिल हैं।

ये भी पढ़ें: फैल र​ही ये गंभीर ​बीमारी! हो जाएं सावधान, कहीं आप भी तो नहीं…

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story