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नंद कुमार सिंह चौहानः मध्यप्रदेश में भाजपा ने खोया मजबूत स्तंभ

नंद कुमार सिंह चौहान का जन्म 8 सितंबर 1952 को मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में हुआ था और 68 वर्षीय चौहान16 वीं लोकसभा और 17 वीं लोकसभा के सदस्य रहे। वह मध्य प्रदेश के खंडवा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यकारिणी के सदस्य थे।

SK Gautam
Published on: 2 March 2021 7:07 AM GMT
नंद कुमार सिंह चौहानः मध्यप्रदेश में भाजपा ने खोया मजबूत स्तंभ
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नंद कुमार सिंह चौहानः मध्यप्रदेश में भाजपा ने खोया मजबूत स्तंभ

रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: मध्य प्रदेश में भाजपा के स्तंभ रहे नंद कुमार सिंह चौहान का आज निधन हो गया। राज्य में भाजपा को मजबूती देने में उनका अहम योगदान था ये बात स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कही है। आइए जानते हैं नंद कुमार सिंह चौहान नंदू के बारे में खास बातें।

नंद कुमार सिंह चौहान का जन्म 8 सितंबर 1952 को हुआ था

नंद कुमार सिंह चौहान का जन्म 8 सितंबर 1952 को मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में हुआ था और 68 वर्षीय चौहान16 वीं लोकसभा और 17 वीं लोकसभा के सदस्य रहे। वह मध्य प्रदेश के खंडवा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यकारिणी के सदस्य थे। 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने तत्कालीन सांसद अरुण सुभाषचंद्र यादव हराकर जीता था।

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भाजपा का यह नेता अपने को क्षेत्र की जनता के लिए समर्पित रखना चाहता था इसी लिए 18अप्रैल 2018 को मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद यह कहकर छोड़ दिया था कि वह अपने सांसदीय क्षेत्र मे कार्य करना चाहते हैं।

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युवावस्था में मात्र 26 साल की उम्र में श्री चौहान सन् 1978-80 व 1983-87 तक बुरहानपुर जिले में शाहपुर नगर पालिका के अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1985-96 तक लगातार दो बार भाजपा से विजयी हो कर मध्यप्रदेश विधानसभा के बुरहानपुर क्षेत्र से विधायक रहे।

11वें लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें खंडवा क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार बनाया

1996 में 11वें लोकसभा चुनाव मे भाजपा ने उन्हें खंडवा क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार बनाया जिसमे वें विजयी हुए लेकिन उनका कार्यकाल 1996-97 तक ही सीमित रहा क्योकि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने अपना त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद सन् 1998 में उपचुनाव में 12वीं लोकसभा चुनाव मे वह दूसरी बार खंडवा क्षेत्र से विजयी हुए। यह कार्यकाल भी 1998-99 तक ही सीमित रहा। इसकी मुख्य वजह वाजपेयी सरकार के समर्थक दलों द्वारा समर्थन वापस ले लेना थी।

इसके बाद 1999 में 13वीं लोकसभा के उपचुनाव में फिर से भाजपा ने खंडवा क्षेत्र से इन्हें उम्मीदवार बनाया इसमें हैट्रिक लगाते हुए वें तीसरी बार विजयी हुए। नंद कुमार का यह कार्यकाल 1999-2004 तक पूरे पांच साल चला।

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इसके बाद सन् 2004 मे 14वीं लोकसभा चुनाव मे वह चौथी बार फिर से खंडवा क्षेत्र से सांसद का चुनाव जीत कर विजयी हुए परंतु वह विपक्ष मे बैठे क्योकिं केन्द्र मे मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार बन चुकी थी।

2009 के 15वीं लोकसभा चुनाव मे उन्हें फिर से खंडवा क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया परंतु इस बार वें कांग्रेस प्रत्याशी अरूण यादव से चुनाव हार गए लेकिन इनकी वरिष्ठता और नेतृत्व क्षमता देखते हुए पार्टी ने इन्हें मध्यप्रदेश राज्य का भाजपा पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।

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खंडवा क्षेत्र में भाजपा की बादशाहत कायम रखी।

16वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें पुन: खंडवा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया जिसमें वे मोदी लहर में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुए चुनाव में विजयी हुए। 2019 में 17वीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा का यह विश्वसनीय कार्यकर्ता दो लाख 73 हजार से अधिक मतों से एक बार फिर जीता और खंडवा क्षेत्र में भाजपा की बादशाहत कायम रखी।

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अपनी जीत पर नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा था कि यह पैसे और पसीने की लड़ाई में पसीने की जीत हुई है। नरेंद्र मोदी और 45-46 डिग्री तापमान में काम करने वाले कार्यकर्ताओं की जीत है। सांसद चौहान अंतिम सांस तक क्षेत्र के विकास के लिए सक्रिय रहे। आमजन को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध करवाने का हरसंभव प्रयास किया।

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