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देश के किसानों के लिए बड़ा एलान: दुनिया में पहली बार किसी सरकार ने लिया ये फैसला

केंद्र सरकार ने किसानों को फायदा देने के लिए बड़ी तैयारी की है। सरकार मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए अगले पांच साल में 20,050 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके लिए सरकार ने नई योजना शुरू की है।

Newstrack
Published on: 11 July 2020 5:16 AM GMT
देश के किसानों के लिए बड़ा एलान: दुनिया में पहली बार किसी सरकार ने लिया ये फैसला
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने किसानों को फायदा देने के लिए बड़ी तैयारी की है। सरकार मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए अगले पांच साल में 20,050 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके लिए सरकार ने नई योजना शुरू की है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने यह जानकारी दी।

गिरिराज सिंह ने बताया कि इसके साथ ही देश में अब मछली क्रायोबैंक स्थापित किए जाएंगे। इसके जरिए किसानों को वांछित प्रजातियों के मछली शुक्राणुओं के जरिए मत्सय उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने बताया कि इन सभी फैसलों से देश के किसानों की आमदनी दोगुनी करने में मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि आत्मनिर्भर राहत पैकेज के तहत सरकार ने मतस्य पालन के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की घोषणा बजट में हुई थी। इस योजना से 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

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पीएम मत्स्य संपदा योजना क्या है

इस योजना के तहत इससे पांच सालों में अतिरिक्‍त 70 लाख टन मछली का उत्‍पादन किया जा सकेगा। इससे मत्‍स्‍य एक्सपोर्ट बढ़कर 1,00,000 करोड़ रुपये तक हो जाएगा। राहत पैकेज का एलान करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि मरीन, इनलैंड फिशरी और एक्‍वाकल्‍चर में गतिविधियों के लिए 11,000 करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा।

इसके अलावा फिशिंग हार्बर, कोल्‍ड चेन और मार्केट वगैरह जैसे इंफास्‍ट्रक्‍चर को बनाने में 9,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। केज कल्‍चर, सीवीड फार्मिंग, ऑर्नामेंटल फिशरीज के साथ न्‍यू फिशिंग वेसेल, लेबोरेटरी नेटवर्क जैसी गतिविधियां इस योजना में शामिल होंगी।

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देश में बनेगा क्रायोबैंक

गिरिराज सिंह ने बताया कि एनएफएफजीआर (नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज) के सहयोग से एनएफडीबी (नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड) देश के अलग-अलग हिस्सों में मछली क्रायोबैंक स्थापित करने के लिए काम करेगा। यह दुनिया में पहली बार मछली क्रायोबैंक की स्थापना होगी। इससे मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए देश में मत्स्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। इससे मछली किसानों की समृद्धि बढ़ सकती है।

मिलेगा 3 लाख रुपये का लोन

सरकार मछलीपालन किसान को क्रेडिट कार्ड से इसलिए जोड़ना चाहती है, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा लोग खेती-बाड़ी से इतर गतिविधियों से जुड़ें और अपनी आमदनी में इजाफा कर सकें।

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इस किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसान मछली, झींगा मछलियों के पालन और कारोबार के समय आने वाली पैसों की जरूरत को पूरा कर सकते है। किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को 4 फीसदी ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक लोन मिल सकता है।

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