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कोविड-19: PM मोदी बोले- धर्म नहीं देखता कोरोना, बदल दी पेशेवर जिंदगी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के महासंकट ने कितना कुछ बदल दिया है। किसी ने जो सोचा नहीं होगा, वैसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं। उन्होंने लिखा है कि युवा ऊर्जा से लबालब भारत दुनिया को एक नई कार्य संस्कृति दे सकता है।

Dharmendra kumar
Published on: 19 April 2020 9:07 PM IST
कोविड-19: PM मोदी बोले- धर्म नहीं देखता कोरोना, बदल दी पेशेवर जिंदगी
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगो का हौसला बढ़ाते रहते हैं। एक बार फिर उन्होंने लोगों से अपील की है और कहा कि कोरोना संकट से यह अहसास हो गया है कि दुनिया को नए बिजनेस मॉडल्स की जरूरत है। उन्होंने सोशल मीडिया लिंक्डइन पर शेयर किए अपने आर्टिकल में कहा कि युवा ऊर्जा से लबालब भारत कोविड-19 के बाद की दुनिया को यह नया मॉडल देगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के महासंकट ने कितना कुछ बदल दिया है। किसी ने जो सोचा नहीं होगा, वैसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं। उन्होंने लिखा है कि युवा ऊर्जा से लबालब भारत दुनिया को एक नई कार्य संस्कृति दे सकता है, क्योंकि यह राष्ट्र अपने नवोन्मेषी विचारों के प्रति उत्साह के लिए मशहूर है।

पीएम मोदी ने अंग्रेजी वर्णमाला के पांच स्वर अक्षरों (वॉवेल्स) ए, ई, आई, ओ और यू पर आधारित क्रमशः अडेप्टेबिलिटी (अनुकूलता), एफिशिएंसी (दक्षता), इन्क्लूसिविटी (समावेशिता), अपॉर्च्युनिटी (अवसर) और यूनिवर्सलिजम (सार्वभौमिकता) के जरिए नए बिजनस और वर्क कल्चर के लिए जरूरी बिंदुओं का उल्लेख किया।

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उन्होंने लिखा कि मैं इसे वॉवेल्स ऑफ न्यू नॉर्मल कहता हूं, क्योंकि अंग्रेजी भाषा में वॉवेल्स की तरह ही ये भी कोविड के बाद की दुनिया के नए बिजनस मॉडल के अनिवार्य अंग बन जाएंगे। उन्होंने जनधन खातों को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़े जाने का गरीबों की जिंदगी पर पड़े असर और शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक के विस्तार के लाभ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया नए प्रकार के बिजनस मॉडल्स की तलाश कर रही है।



प्रधानमंत्री ने कहा कि आसानी से अपनाए जा सकने वाले बिजनस और लाइफस्टाइल मॉडल्स वक्त की मांग हैं। ऐसा करने से संकट काल में भी हमारे कामकाज की गति प्रभावित नहीं होगी। डिजिटल पेमेंट्स को अपनाना इसका शानदार उदाहरण है। दूसरा उदाहरण टेलिमेडिसिन का है। कई डॉक्टर क्लिनिक या हॉस्पिटल गए बिना ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

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मोदी ने कहा कि यही वक्त है जब हमें सोचना चाहिए कि दक्षता से हमारा तात्पर्य क्या है। दक्षता सिर्फ यह नहीं हो सकती कि हमने ऑफिस में कितना वक्त बिताया। हमें ऐसे मॉडल पर विचार करना होगा जहां उत्पादकता और दक्षता को ज्यादा तवज्जो मिले। पीएम ने कहा, 'हमें निश्चित समय में कोई काम पूरा करने पर जोर देना चाहिए।'

पीएम मोदी ने ऐसे बिजनस मॉडल्स अपनाने की अपील की जिसमें गरीबों और सबसे असहाय लोगों की जरूरतों को प्राथमिकता मिले। उन्होंने लिखा, 'हमने जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में बड़ी प्रगति की है। प्रकृति ने हमें बताया है कि अगर इंसान अपनी गतिविधियां कम कर ले तो प्राकृतिक भव्यता कितनी तेजी से फैल सकती है। दुनिया में हमारे असर को घटाने वाली तकनीक और तरीकों का काफी महत्व होगा।

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इसस पहले कोरोना महामारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर एकजुटता दिखाने की अपील की है। पीएमओ ने ट्वीट कर पीएम मोदी के हवाले से कहा कि कोरोना नस्ल, धर्म, रंग, जाति नहीं देखता है। कोरोना संप्रदाय, भाषा और सीमाएं भी नहीं देखता है। इसलिए एकता और भाईचारा बनाए रखने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई में हम सब एकजुट हैं।

गौरतलब है कि कोरोना के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक इस खतरनाक महामारी के चलते 519 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में 3 लाख 86 हजार 791 टेस्ट किए गए हैं। पिछले 24 घंटे में 27 लोगों की मौत हुई है, जबकि 2302 लोग ठीक हो गए हैं।

लॉकडाउन की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियों पर भी ब्रेक लगा हुआ है। इस बीच गृह मंत्रालय ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान गैर-जरूरी सामानों की ऑनलाइन डिलीवरी नहीं होगी।

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लॉकडाउन में राशन, सब्जी और मेडिकल की दुकानें खुली हैं तो वहीं दूसरी तरफ जरूरी सामानों की होम डिलीवरी भी की जा रही है, लेकिन गृह मंत्रालय ने आदेश दिया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए लॉकडाउन के दौरान गैर-जरूरी सामानों की सप्लाई पर रोक रहेगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने रविवार को बताया कि वैक्सीन और ड्रग टेस्ट के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है, तो वहीं, 23 राज्यों के 43 जिले में 14 दिनों से कोई केस सामने नहीं आया है। हम धीरे-धीरे हालात सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं।



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