TRENDING TAGS :
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेता बच्चों से बात करेंगे नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री 24 जनवरी, 2020 को आयोजित होने वाले एट-होम में गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाले 1730 से अधिक जनजातीय कलाकारों, एनसीसी कैडेटों, एनएसएस स्वयंसेवकों और झांकी कलाकारों के साथ बातचीत करेंगे।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार, 24 जनवरी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2020 के 49 बाल विजेताओं के साथ बातचीत करेंगे।
ये 49 पुरस्कृत बच्चे देश के विभिन्न राज्यों के हैं, जिनमें एक-एक पुरस्कृत बच्चा जम्मू एवं कश्मीर, मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश का है। इन बच्चों ने कला एवं संस्कृति, नवाचार, प्रतिभा, समाज सेवा, खेल और बहादूरी जैसे क्षेत्रों में पुरस्कार प्राप्त किया है।
इसे भी पढ़ें
10% आरक्षण दो, हो जाएगा JNU-जामिया का इलाज: मोदी के मंत्री की सलाह
भारत सरकार राष्ट्र निर्माण में बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करती है। उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को मान्यता देकर उनकी उपलब्धियों को पुरस्कृत किया जाता है।
सभी बच्चे महत्वपूर्ण हैं और उनकी उपलब्धियों की सराहना की जानी चाहिए।
इसे भी पढ़ें
मुस्लिम महिलाओं पर बड़ा फैसला! मोदी सरकार के इस निर्णय पर फिर मचेगा ‘बवाल’
इनमें से कुछ बच्चों की उपलब्धियां अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का काम करती हैं। विभिन्न क्षेत्रों में बच्चों की शानदार उपलब्धियों के लिए हर वर्ष सरकार उन्हें पुरस्कार प्रदान करती है।
कोई कर सकता है आवेदन
नवाचार, बौद्धिक उपलब्धियों, समाज सेवा, कला एवं संस्कृति, खेल और बहादुरी जैसे क्षेत्रों में शानदार उपलब्धियां हासिल करने वाले बच्चे पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति जो किसी बच्चे की प्रतिभाशाली उपलब्धियों से परिचित हो, वह भी उस बच्चे का नाम पुरस्कार के लिए दे सकता है।
इसे भी पढ़ें
महाराष्ट्र सरकार के विज्ञापनों में PM मोदी की तस्वीरों को शामिल करने की उठी मांग
प्रत्येक आवेदन पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद एक उच्च स्तरीय समिति विजेताओं का चयन करती है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 22 जनवरी, 2020 को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किए थे।
जनजातीय कलाकारों, एनसीसी कैडेटों, एनएसएस स्वयंसेवकों और झांकी कलाकारों के साथ एट-होम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जनवरी, 2020 को आयोजित होने वाले एट-होम में गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाले 1730 से अधिक जनजातीय कलाकारों, एनसीसी कैडेटों, एनएसएस स्वयंसेवकों और झांकी कलाकारों के साथ बातचीत करेंगे।