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किसान आंदोलन में शरजील का पोस्टर लगने पर कृषि मंत्री तोमर ने कही ये बड़ी बात

आज 16वें दिन कृषि कानूनों के विरोध में आन्दोलन कर रहे किसानों से देश के केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक बार फिर से आन्दोलन समाप्त करने की अपील की है।

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Published on: 11 Dec 2020 10:26 AM GMT
किसान आंदोलन में शरजील का पोस्टर लगने पर कृषि मंत्री तोमर ने कही ये बड़ी बात
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गुरनाम सिंह ने शिव कुमार कक्का को आरएसएस का एजेंट करार दे दिया और कहा कि यह कार्रवाई उनके इशारे पर हुई है। वह अपने खिलाफ हुई कार्रवाई से बेहद नाराज हैं।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आन्दोलन आज भी जारी है। किसान कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर अभी भी अड़े हुए हैं।

इस बीच टिकरी बॉर्डर से किसानों के आन्दोलन के बीच से कुछ ऐसी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिसने सरकार की चिंताएं बढ़ाने का काम किया है।

दरअसल सोशल मीडिया में टिकरी बॉर्डर से किसानों के आन्दोलन की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें ये देखा गया है कि राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम, उमर खालिद समेत कई आरोपियों के पोस्टर लगाये गये हैं उनकी रिहाई की मांग की गई है।

कुछ किसान नेताओं का कहना है कि इन्हें रिहा किया जाना चाहिए। ये बात केंद्र सरकार तक जा पहुंची हैं। जिसके बाद से किसानों की इस मांग पर केंद्र सरकार की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने टिकरी बॉर्डर पर शरजील इमाम के पोस्टर का मसला उठाते हुए पूछा है कि एमएसपी, एएमपीसी और अन्य मुद्दे किसानों से संबंधित हैं, लेकिन ये पोस्टर किसान का मुद्दा कैसे हो सकते हैं। यह खतरनाक है और यूनियनों को इससे खुद को दूर रखना चाहिए। यह सिर्फ मुद्दों को हटाने और विचलित करने के लिए है।

Farmers Protest किसान आन्दोलन(फोटो:सोशल मीडिया)

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क्या है ये पोस्टर विवाद

बता दें कि मानवाधिकार दिवस के मौके पर किसान आंदोलन के बीच गुरुवार को टिकरी बॉर्डर पर प्रोटेस्ट किया गया। इस दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी।

उसके पोस्टर के जरिये ये आरोप लगाया गया है कि इन सभी को झूठे केसों में अंदर डाला गया है, ऐसे में सरकार को इन्हें तुरंत रिहा करना चाहिए। हालांकि, अन्य किसान नेताओं ने इस पोस्टर की जानकारी होने से इनकार किया।

किसान यूनियन ने दी ये प्रतिक्रिया

वहीं, भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) के नेता झंडा सिंह का कहना है कि ये सिर्फ हमारे संगठन की ओर से पोस्टर लगाए गए थे। ये सभी बुद्धिजीवी हैं और हमारी मांग है कि जिन बुद्धिजीवियों को जेल में डाला गया है, उन्हें रिहा किया जाए।

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farmer protest किसान आन्दोलन (फोटो: सोशल मीडिया)

कृषि मंत्री ने की आंदोलन खत्म करने की अपील

आज 16वें दिन कृषि कानूनों के विरोध में आन्दोलन कर रहे किसानों से देश के केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक बार फिर से आन्दोलन समाप्त करने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि हम किसानों की समस्याओं पर विचार कर रहे हैं। हमने किसानों से पूछा कि एपीएमसी को सुदृढ़ बनाने के लिए क्या करना चाहिए, इस पर किसानों ने कोई जवाब नहीं दिया, वह चुप हो गए।

राज्य सरकारों को अधिकार है कि वह प्राइवेट मंडियों के रजिस्ट्रेशन और टैक्स पर फैसला ले सकती हैं। हम एसडीएम कोर्ट की जगह न्यायिक कोर्ट के रास्ते खोलने पर विचार कर सकते हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि हमने किसानों को जो सुझाव भेजे हैं, उसमें एपीएमसी मंडी के बाहर प्राइवेट मंडियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर किसानों के डर को दूर किया गया है।

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