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कृषि मंत्री के इस बयान को राज्यसभा की कार्यवाही से हटाया गया, जानें क्या कहा था ऐसा
नरेंद्र सिंह तोमर के खून की खेती वाले बयान को राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है। कृषि मंत्री के बयान पर राज्यसभा में कांग्रेस कड़ी प्रतिक्रिया दी थी जिसके बाद कृषि मंत्री ने सफाई भी दी।
नई दिल्ली: किसान आंदोलन के बीच राज्यसभा में कृषि कानूनों को लेकर शुक्रवार को राज्यसभा में चर्चा हुई। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषि कानूनों पर अपनी बात कही। कृषि मंत्री ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि खेती के लिए पानी की जरूरत होती है, खून की खेती तो सिर्फ कांग्रेस करती है, ये बीजेपी नहीं करती।
अब नरेंद्र सिंह तोमर के खून की खेती वाले बयान को राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है। कृषि मंत्री के बयान पर राज्यसभा में कांग्रेस कड़ी प्रतिक्रिया दी थी जिसके बाद कृषि मंत्री ने सफाई भी दी। नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने खून की खेती वाले बयान पर कहा कि उन्होंने यह बयान इसलिए दिया, क्योंकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मेरे भाषण के दौरान खून की खेती वाला डॉक्यूमेंट दिखाया था। उन्होंने कहा कि उसके उत्तर में मैंने कहा था कि कांग्रेस खून की खेती करती है। बीजेपी खून की खेती नहीं, बल्कि पानी की खेती करती है।
कानूनों में काला क्या है?
उन्होंने राज्यसभा में दिए बयान में कहा कि मैं दो महीने तक किसान यूनियन से पूछता रहा कि इन कानूनों में काला क्या है? मुझे बताइए तो उसे ठीक किया जाए। प्रतिपक्ष के नेताओं ने कृषि सुधार कानूनों को खराब कहा। लेकिन कानून के प्रावधान को कि ये किसान के प्रतिकूल हैं किसी ने बताने की कोशिश नहीं की।
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उन्होंने कहा कि APMC के अंदर राज्य सरकार का टैक्स है। APMC के बाहर केंद्र सरकार का एक्ट है, जो टैक्स को खत्म करता है। मैं किसानों से पूछता हूं- जो सरकार टैक्स ले रही, लगा रही और बढ़ा रही है, आंदोलन उसके खिलाफ होना चाहिए या टैक्स फ्री करने वाले के खिलाफ?
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किसान कभी भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से बाहर आ सकता है
कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार के कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट में किसान को जेल जाने और जुर्माने के तौर पर 5 लाख रुपये देने तक का प्रावधान है। भारत सरकार ने जो एक्ट बनाया है उसमें किसान कभी भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से बाहर आ सकता है।
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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के लिए समर्पित और प्रतिबद्ध है। अगर भारत सरकार किसी संशोधन के लिए तैयार है, तो मायने ये नहीं कि किसान कानून में कोई गलती है। दुनिया जानती है- पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भाजपा खून से खेती नहीं कर सकती।
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