लॉकडाउन की अवधि बढ़ी तो इन सेक्टर्स के कर्मचारियों की छिनेगी नौकरियां

नास्कॉम के पूर्व अध्यक्ष आर चंद्रशेखर का मानना है कि कोविड-19 महामारी की वजह से यदि लॉकडाउन लंबा चलता है, तो सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में नौकरियों में कटौती हो सकती है। साथ ही सैलरी भी घटाई जा सकती है।

Aditya Mishra
Published on: 12 April 2020 11:05 AM GMT
लॉकडाउन की अवधि बढ़ी तो इन सेक्टर्स के कर्मचारियों की छिनेगी नौकरियां
X
21-day lockdown: government will give all supply

नई दिल्ली: नास्कॉम के पूर्व अध्यक्ष आर चंद्रशेखर का मानना है कि कोविड-19 महामारी की वजह से यदि लॉकडाउन लंबा चलता है, तो सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में नौकरियों में कटौती हो सकती है। साथ ही सैलरी भी घटाई जा सकती है।

चंद्रशेखर ने कहा कि घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) दीर्घावधि में एक सकारात्मक पहलू हो सकता है। इससे आईटी कंपनियों के लिए नए रास्ते खुलेंगे और उनके निवेश में बचत होगी।

पूर्व नौकरशाह ने कहा कि यदि मौजूदा स्थिति और खराब होती है तो स्टार्टअप्स के लिए दिक्कत आ सकती है। स्टार्टअप्स कंपनियां उद्यम पूंजीपतियों से मिले कोष से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां दो वजहों से नौकरियों में कटौती नहीं करेंगी।

एक तो वे अपने कर्मचारी नहीं गंवाना चाहती हैं। दूसरा उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए धन की कमी नहीं है। चंद्रशेखर ने कहा कि कुछ बड़ी कंपनियां यदि नौकरियों की कटौती करती भी हैं, तो वे अस्थायी या इंटर्न कर्मचारिेयों को हटाएंगीं।

ये भी पढ़ें...कोरोना वायरस का निमोनिया बेहद खतरनाक! जानें एक्सपर्ट की राय

ये भी पढ़ें...लॉकडाउन में फंसी पूरी बारात: दुल्हन की नहीं हुई विदाई, वापसी को तड़प रहे बाराती

कंपनियां अपने कर्मचारियों को सब्सिडी देना जारी नहीं रख सकते

उन्होंने कहा कि जब तक इन कंपनियों की जेब अनुमति देगी, वे नियमित और स्थायी कर्मचारियों को नहीं हटाएंगी। हालांकि, इसके साथ ही चंद्रशेखर ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यह स्थिति कब तक रहती है।

एक महीने, दो महीने या तीन महीने। उसके बाद ये कंपनियां भी दबाव में आ जाएंगी। कंपनियां अपने कर्मचारियों को सब्सिडी देना जारी नहीं रख सकते हैं।

एक इंटरव्यू में आर चंद्रशेखर ने कि सवाल यह है कि ऐसी स्थिति कब तक रहती है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। लघु अवधि में इसका उद्योग पर नकारात्मक असर होगा।

लेकिन भविष्य में यह कार्य संस्कृति में ऐसा बदलाव लाएगा, जो भारत में आईटी कंपनियों ने अभी तक अनुभव नहीं किया है। चंद्रशेखर ने कहा कि भविष्य में वर्क फ्रॉम होम से कर्मचारी की उत्पादकता, लॉजिस्टिक्स लागत और कार्यालय स्थल की बचत होगी।

कोरोना वायरस इफेक्ट – निशाने पर डब्ल्यूएचओ के मुखिया

देश में लॉकडाउन नहीं होता तो भयानक होते हालात, लाखों लोग हो जाते कोरोना संक्रमित

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story