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National Handloom Day 2023: विदेशी छोड़ो स्वदेशी वस्त्र और संस्कृति को अपनाओं, जानिए राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर खास

National Handloom Day 2023: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस हर साल 7 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि 7 अगस्त 1905 को महात्मा गांधी ने स्वदेशी आन्दोलन के भारतीय स्वदेशी मुहिम के अधीन मेजर गांधी को शास्त्रीय रूप से सुटकी धारण करके अंग्रेजी वस्त्रों के विरुद्ध प्रयास किए थे।

Vertika Sonakia
Published on: 7 Aug 2023 8:20 AM IST
National Handloom Day 2023: विदेशी छोड़ो स्वदेशी वस्त्र और संस्कृति को अपनाओं, जानिए राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर खास
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National Handloom Day 2023 (Photo: Social Media)

National Handloom Day 2023: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस हर साल 7 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि 7 अगस्त 1905 को महात्मा गांधी ने स्वदेशी आन्दोलन के भारतीय स्वदेशी मुहिम के अधीन मेजर गांधी को शास्त्रीय रूप से सुटकी धारण करके अंग्रेजी वस्त्रों के विरुद्ध प्रयास किए थे। इस दिन को हथकरघा उद्योग के उन्नति और समर्थन के लिए समर्पित किया जाता है और इस मौके पर भारतीय हथकरघा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।

राष्ट्रीय हथखरघा दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को भारत में हर साल 7 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन स्वदेशी आन्दोलन की स्मृति में मनाया जाता है, जो 7 अगस्त, 1905 को शुरू हुआ था। स्वदेशी आन्दोलन का उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशवासियों को स्थानीय बनाए हुए हथकरघा उत्पादों का प्रचार-प्रसार करने और विदेशी बनाए हुए उत्पादों का बहिष्कार करने की प्रोत्साहना करना था।

स्वदेशी आन्दोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस आन्दोलन ने लोगों को स्थानीय उत्पादित हथकरघा कपड़ों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित किया था, जिससे देशी टेक्सटाइल उद्योग को समर्थन मिलता था और स्थानीय कारीगरों को शक्तिशाली बनाया गया।

2015 में भारत सरकार ने हथकरघा के संस्कृतिक विरासत और कारीगरों के योगदान को सम्मानित करने के लिए 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का ऐलान किया था। इस दिन को मनाकर देश भर में विभिन्न कार्यक्रम, प्रदर्शनी, कार्यशाला और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं, जिससे हथकरघा बुनकरों की समृद्ध रिवायत का जश्न मनाया जाता है और उनके जीविकोपार्जन का समर्थन किया जाता है।

राष्ट्रीय हथखरघा दिवस का महत्त्व

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का महत्व भारतीय संस्कृति और धरोहर को समर्पित है, जिसमें हथकरघा बुनकरों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस दिन को मनाकर हम हथकरघा उत्पादन और परंपरा की महत्वता को समझते हैं और उन्हें समर्थन देने का संकेत करते हैं।

हथकरघा बुनकरी और उनके कारीगरों को इस दिन प्रतिभागिता का मौका मिलता है और उनकी कारीगरी कौशल को प्रशस्ति और प्रोत्साहन प्राप्त होता है। इससे उन्हें अधिक सम्मान मिलता है और लोगों के बीच उनके महत्वपूर्ण योगदान का परिचय होता है।

इस दिन को मनाने से हम स्वदेशी उत्पादों के समर्थन में एक साझा संकेत देते हैं, जो देशी उद्योगों को समर्थन और बढ़ावा प्रदान करने में मदद करता है। हथकरघा उत्पादों का उपयोग करने से हम भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देते हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करते हैं।

यह दिन भारतीय हथकरघा उद्योग की समृद्धि और संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है और लोगों को हथकरघा उत्पादों की महत्वपूर्णता को समझाने में मदद करता है। इस दिन के अवसर पर हम सभी को हथकरघा उत्पादों का समर्थन करने और उन्हें अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए प्रेरित करते हैं।

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्देश्य

इस दिन का उद्देश्य भी हथकरघा बुनकरों और उनके योगदान को सम्मानित करना है। इस दिन को मनाकर उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है और उनके कौशल, कला, और परंपरा को उजागर किया जाता है।

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के द्वारा सरकार भी उद्यमियों को समर्थन प्रदान करती है, ताकि हथकरघा उद्योग के विकास और संरक्षण को बढ़ावा मिल सके। यह दिवस भारतीय स्वदेशी उत्पादों के प्रचार-प्रसार का भी एक महत्वपूर्ण तथ्य का योगदान है।

सम्पूर्ण रूप से कहें तो, राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का मुख्य उद्देश्य हाथकरघा उद्योग के प्रशंसकों को एक साथ आने के लिए प्रेरित करना, हथकरघा उत्पादों के लाभों को प्रसारित करना, और भारतीय संस्कृति और परंपरा का समर्थन करना है।

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस से जुड़े तथ्य

1) राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को हर साल 7 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय वायुसेना की स्थापना के दिन के रूप में चुना गया है, जिसके साथ हथकरघा उद्योग की प्रशस्ति और समर्थन का भी उद्देश्य होता है।

2) राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्देश्य हाथकरघा उद्योग के महत्व को समझाना, लोगों को स्थानीय बनाए हुए हथकरघा उत्पादों का समर्थन करने के लिए प्रेरित करना, और हथकरघा बुनकरों को सम्मानित करना है।

3) राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की स्थापना 2015 में हुई थी। इसके उद्देश्य भारतीय हथकरघा उद्योग की बढ़ती हुई प्रतिष्ठा को बढ़ावा देना था।

4) इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम, प्रदर्शनी, कार्यशाला, और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में भारतीय हथकरघा उत्पादों के प्रदर्शन, बिक्री, और विभिन्न कारीगरों के द्वारा देखा जा सकता है।

5) राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के दिन लोग भारतीय हथकरघा कपड़े और सामग्री को प्राथमिकता देते हैं और इसके उपयोग का समर्थन करते हैं।
हथकरघा उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिससे लाखों कारीगरों और उनके परिवार को रोजगार मिलता है। इस दिन को मनाकर इस उद्योग को समर्थन करने से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलती है।

6) राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर सरकार भी हथकरघा उद्योग को समर्थन प्रदान करती है और इसे विकसित करने के लिए विभिन्न योजनाएं और उद्यमों को शुरू करती है।



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