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राष्ट्रीय युवा दिवस: राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है- PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं को संबोधित करते हुए अपील की कि लोकतंत्र को बचाने के लिए युवा राजनीति में आयें। राजनीति देश में बदलाव लाने का सशक्त माध्यम है। राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है।
नई दिल्ली: स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय युवा संसद समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक वंशवाद, Nation First के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार, इसी भावना को मज़बूत करता है। ये भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है। स्वामी विवेकानंद की जयंती को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। स्वामी जी के बारे में जब भी चर्चा होती है तो उनके शिकागो में हुए धर्म सम्मेलन के भाषण का जिक्र जरूर होता है। जाहिर है, ऐसा इसलिए क्योंकि धर्मों को लेकर उनका ज्ञान असीमित था।
स्वामी विवेकानंद की जयंती 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है
गौरतलब है कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती है, जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय युवा महोत्सव के साथ-साथ एनवाईपीएफ का भी आयोजन किया जा रहा है। पीएमओ के अनुसार, राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन हर वर्ष 12 से 16 जनवरी को किया जाता है।
PM मोदी बोले- राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही को बढ़ावा देता है
राष्ट्रीय युवा संसद फेस्टिवल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है। ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है।
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राजनीति में वंशवाद का ये रोग समाप्त करना है: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है। Honesty और Performance आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है।
भ्रष्टाचार जिनकी legacy थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं। कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है। अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं, लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।
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राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार! : PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे, पुराने धर्मों के मुताबिक नास्तिक वो है जो ईश्वर में भरोसा नहीं करता, लेकिन नया धर्म कहता है, नास्तिक वो है जो खुद में भरोसा नहीं करता।
पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है, क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार! लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती।
आपदा नए अवसर भी लाता है- PM मोदी
-आपदा कुछ न कुछ नयी सीख लेकर आता है, आपदा नए अवसर भी लाता है। आपदा में संयम और साहस की जरूरत होती है। आपदा बिगड़े हुए को बनाने के लिए दुबारा मौका देती है।
युवा शक्ति पर विश्वास करते थे स्वामी विवेकानंद: PM मोदी
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये स्वामी विवेकानंद जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे।
-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं को संबोधित करते हुए अपील की कि लोकतंत्र को बचाने के लिए युवा राजनीति में आयें। राजनीति देश में बदलाव लाने का सशक्त माध्यम है। राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है।
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राष्ट्रीय युवा संसद समारोह शुरू, PM मोदी कर रहे राष्ट्रीय युवा संसद फेस्टिवल को संबोधित
-राष्ट्रीय युवा संसद फेस्टिवल को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है।
-अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्रनिर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं।
-स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है।
शिकागो में हुए धर्म सम्मेलन के भाषण का जिक्र जरूर होता है
स्वामी विवेकानंद की आज जयंती है। स्वामी जी के बारे में जब भी चर्चा होती है तो उनके शिकागो में हुए धर्म सम्मेलन के भाषण का जिक्र जरूर होता है। जाहिर है, ऐसा इसलिए क्योंकि धर्मों को लेकर उनका ज्ञान असीमित था। वो भारत में धर्म की जरूरत से लेकर हिंदू धर्म के बारे में भी एक विशेष राय रखते थे। आज उनकी पुण्यतिथि पर जानते हैं कि हिंदू धर्म के बारे में वो क्या सोचते थे।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रहेंगे मौजूद
एक आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सलव (NYPF) का उद्देश्य 18 से 25 वर्ष के बीच के युवाओं के विचारों को सुनना है जो मतदान करने का अधिकार रखते हैं और आने वाले वर्षों में सार्वजनिक सेवाओं सहित विभिन्न सेवाओं में शामिल होंगे। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केन्द्रीाय युवा मामले एवं खेल मंत्री किरन रिजिजु भी उपस्थित रहेंगे।
NYPF (National Youth Parliament Festival) की अवधारणा प्रधानमंत्री के 31 दिसंबर, 2017 को अपने मन की बात के संबोधन में व्यधक्तत किए गए विचार पर आधारित है। इस विचार से प्रेरणा लेते हुए, पहला महोत्सव 'भारत की नई आवाज बनें और समाधान खोजें एवं नीति के लिए योगदान दें' विषय के साथ 12 जनवरी से 27 फरवरी 2019 तक आयोजित किया गया था। पीएमओ ने बताया कि दूसरा एनवाईपीएफ ऑनलाइन माध्य1म से 23 दिसंबर, 2020 को आयोजित किया गया था और पहले चरण में देश भर के 2.34 लाख युवाओं ने भाग लिया।
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