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महाराष्ट्र राजनीति: एनसीपी से जोड़ रही है तार, NDA की बैठक से दूर रहेगी शिवसेना

रविवार को होने वाली एनडीए की बैठक में शिवसेना भाग नहीं लेगी। ऐसा महाराष्ट्र एनसीपी और कांग्रेस से नजदीकी बढ़ने के कारण हुआ है। महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना के बीच दरार पड़ चुकी है। लेकिन अब तक शिवसेना ने आधिकारिक तौर पर अपना समर्थन वापस नहीं लिया है

suman
Published on: 14 Nov 2019 2:57 PM GMT
महाराष्ट्र राजनीति: एनसीपी  से जोड़ रही है तार, NDA की बैठक से दूर रहेगी शिवसेना
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जयपुर: रविवार को होने वाली एनडीए की बैठक में शिवसेना भाग नहीं लेगी। ऐसा महाराष्ट्र एनसीपी और कांग्रेस से नजदीकी बढ़ने के कारण हुआ है। महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना के बीच दरार पड़ चुकी है। लेकिन अब तक शिवसेना ने आधिकारिक तौर पर अपना समर्थन वापस नहीं लिया है।

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महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर मतभेद के बीच मंगलवार की शाम राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। इसके बाद राज्य विधानसभा निलंबित हो गई। केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की रिपोर्ट पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने अनुच्छेद 356(1) के अनुसार महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की उद्घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और विधानसभा को निलंबित रखा गया है।

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राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि है।राज्य में सरकार गठन के प्रयास विफल रहे है। राज्य में ऐसी स्थिति हो गई है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के 15 दिन बाद भी स्थिर सरकार संभव नहीं है। भाजपा के इनकार के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन पत्र जुटाने में विफल रही। इसके बाद राज्यपाल ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से मंगलवार रात साढ़े आठ बजे तक सरकार गठन का दावा करने को कहा था।शिवसेन व एनडीए में दरार आ चुका है और 30 सालों की दोस्ती टूटती नजर आ रही है।

कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की CMP कमेटी

इधर एनडीए से दूर शिवसेना सरकार बनाने में जी जान से लगी है। सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी में बातचीत का दौर जारी है। तीनों ही पार्टियों ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम की रुपरेख तैयार कर लिया है। ये ड्राफ्ट तीनों ही पार्टियों के अध्यक्ष को भेजना है। फिर पार्टी अध्यक्षकी हामी के बाद सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।

बुधवार को बैठकर कांग्रेस व एनसीपी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) की एक कमेटी बनाने का फैसला लिया ताकि को शिवसेना के साथ गठबंधन की सरकार बनाने की कवायद शुरु हो सके। इस कमिटी में किसान कर्जमाफी, रोजगार, फसल बीमा योजना की समीक्षा, छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर स्मारक जैसे मुद्दों पर तीनों ही पार्टियों में सहमति बनी।

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न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा के लिए कमेटी के गठन का फैसला वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल द्वारा मंगलवार को शरद पवार के साथ मुंबई में हुई बैठक के दौरान लिया गया था। इससे पहले बीजेपी-शिवसेना ने गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन, शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की मांग करने के बाद गठबंधन टूट गया।

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