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नेपाल ने भारत के खिलाफ उगला जहर, कोरोना के प्रसार के लिए ठहराया जिम्मेदार
नेपाल और भारत के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। तल्खी तब से और बढ़ गई जब नेपाल ने अपने नक्शे में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा जैसे भारतीय क्षेत्र को दर्शाया है।
काठमांडू: नेपाल और भारत के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। तल्खी तब से और बढ़ गई जब नेपाल ने अपने नक्शे में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा जैसे भारतीय क्षेत्र को दर्शाया है।
इस विवाद को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भाषण ने और बढ़ा दिया है। जिसे उन्होंने नेपाली संसद में दिया था। जिसमें उन्होंने कहा कि नेपाल में कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए भारत जिम्मेदार है।
संसद को संबोधित करते हुए केपी शर्मा ओली ने कहा कि पड़ोसी देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण भारत की वजह से फैला है और यह चीन और इटली से भी ज्यादा घातक है।
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उन्होंने ये कहा कि उनकी सरकार के लिए संक्रमण को रोकना इसी वजह से कठिन हो रहा है क्योंकि बाहर (भारत) से लोग यहां आ रहे हैं।
नेपाली प्रधानमंत्री ओली ने यही नहीं रुके, आगे कहा कि गैरकानूनी तरीके से भारत से नेपाल आने वाले लोगों ने यहां कोरोना वायरस फैलाया है। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि नेपाल के कुछ स्थानीय नेताओं ने भी बिना जांच के ऐसे लोगों को हमारे देश में आने में मदद की है जिससे संक्रमण फैल गया।
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नेपाल के बयान से भारत हैरान
उनके इस विवादास्पद बयान ने भारत को चकित कर दिया है और अधिकारियों के बीच तल्खी बढ़ गई है। इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच खींचतान और बढ़ गया है।
नेपाल के पीएम का ये आरोप जिसमें उन्होंने कहा कि 'भारत से जो वायरस फैला है वो चीन और इटली के मुकाबले ज्यादा घातक है।' ये सवर्था गलत है। जबकि पूरी दुनिया जानती है भारत कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मजबूती के साथ लड़ाई लड़ रहा है।
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