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चीन की दिक्कतें अब बढ़ी: नेपाल ने उठाया बड़ा कदम, ड्रैगन को दिया जोरदार झटका

नेपाल अब चीन के प्रति काफी सख्त रूख अपनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। केपी शर्मा ओली ने चीन के दखल पर आपत्ति जाहिर की है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने काठमांडू में तैनात चीन के राजदूत हाओ यांकी से साफ शब्दों में कहा है कि वे किसी दूसरे देश की सहायता के बिना ही अपनी पार्टी के भीतर की चुनौतियों से निपट सकते हैं।

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Published on: 29 Nov 2020 11:35 AM IST
चीन की दिक्कतें अब बढ़ी: नेपाल ने उठाया बड़ा कदम, ड्रैगन को दिया जोरदार झटका
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नेपाल के प्रधानमंत्री ने काठमांडू में तैनात चीन के राजदूत हाओ यांकी से साफ शब्दों में कहा है कि वे किसी दूसरे देश की सहायता के बिना ही अपनी पार्टी के भीतर की चुनौतियों से निपट सकते हैं।

काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली(KP Sharma Oli) अब चीन के प्रति काफी सख्त रूख अपनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। केपी शर्मा ओली ने चीन के दखल पर आपत्ति जाहिर की है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने काठमांडू में तैनात चीन के राजदूत हाओ यांकी से साफ शब्दों में कहा है कि वे किसी दूसरे देश की सहायता के बिना ही अपनी पार्टी के भीतर की चुनौतियों से निपट सकते हैं। आपको बता दें कि नेपाल में पीएम ओली के खिलाफ सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन पुष्प कमल दहल प्रचंड ने फिर से मोर्चा खोला हुआ है।

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नेपाल के संबंध बहुत नाजुक

नेपाल के पीएम केपी ओली की छवि बीते दो साल में भारत के बिल्कुल विरोध की रही है। ऐसे में देश का विवादित नक्शा संसद से पास करवाने के बाद से भारत के साथ नेपाल के संबंध बहुत नाजुक दौर से गुजर रहे हैं।

इस दौरान भारत ने भी कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को लेकर जारी मतभेदों पर वार्ता के इशारे दिए हैं। इससे कुछ दिनों पहले ही भारतीय विदेश सचिव, सेना प्रमुख और खुफिया एजेंसी रॉ चीफ ने भी नेपाल का दौरा किया है।

nepal china deal फोटो-सोशल मीडिया

ऐसे में चीनी राजनयिकों की नई पीढ़ी से मतलब रखने वाली 'वुल्फ वॉरियर' हाओ की नेपाल के सत्‍ता गलियारों में जोरदार पकड़ है। इस बीच उनकी कोशिश बनी हुई है कि किसी भी तरीके से नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को ओली के समर्थन में खड़ा रखा जाए, जो इन भारत के खिलाफ लगातार कई फैसले ले चुके हैं।

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ओली सरकार नहीं ले पाई कोई निर्णय

इसके साथ ही ओली सरकार ने चीनी राजदूत के इशारे पर अमेरिका से मिलने वाली 50 करोड़ डॉलर की मदद को भी ठंडे बस्‍ते में डाल दिया है। बीते दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के बाद भी ओली सरकार इस फंड पर अब तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है।

बता दें, हाओ चीन की वुल्फ वॉरियर' राजनयिकों की नई पीढ़ी से संबंध रखती हैं। चीनी राजनयिकों को ये नाम एक ब्लॉकबास्टर फिल्म के नाम पर दिया गया है। इस फिल्म में एक चीनी कमांडो अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया में बुरे 'अमेरिकियों' की हत्या करता है।

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