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वायु सेना मजबूती से तैयार
चीन से सीमाई तनाव बना हुआ है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सैन्य तैयारियों पर पूरा ज़ोर है। ऐसे में सेना की बैठक से ये साफ है कि देश पूरी तैयारी में है।
नई दिल्ली: वायु सेना मुख्यालय में हो रही वायु सेना कमांडरों की तीन दिवसीय बैठक वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण है। चीन से सीमाई तनाव बना हुआ है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सैन्य तैयारियों पर पूरा ज़ोर है। ऐसे वक्त में सेना की बैठक से एक संदेश जाता है कि देश पूरी तैयारी में है।
सम्मेलन के दौरान वायु सेना कमांडर उभरने वाली सभी स्थितियों से निपटने के लिए अगले दशक में भारतीय वायु सेना की क्षमताओं के निर्माण पर विचार करने से पूर्व वर्तमान प्रचालनगत परिदृश्य एवं तैनातियों की समीक्षा करेंगे। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सभी सात कमांडर-इन-चीफ भी शामिल हुए।
कमांडरों को सराहा
भारतीय वायु सेना कमांडरों को अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने पिछले कुछ महीनों के दौरान अपनी परिचालनगत क्षमताओं को सुदृढ़ बनाने में भारतीय वायु सेना द्वारा प्रदर्शित सक्रिय प्रतिक्रिया की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने जिस पेशेवर तरीके से बालाकोट में हवाई हमलों तथा पूर्वी लद्दाख में त्वरित तैनाती को अंजाम दिया, उससे शत्रुओं को एक जोरदार संदेश गया है।
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रक्षा मंत्री ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव घटाने की जारी कोशिशों की प्रशंसा की और भारतीय वायु सेना से किसी भी आकस्मिक स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की अपील की।
प्रमुख बातें
- रक्षा उत्पादन में आत्म निर्भरता अर्जित करने की आवश्यकता।
- वित्तीय आवश्यकताएं हों या और कोई आवश्यकता, सशस्त्र बलों की सभी जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
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- अगर भारत और चीन के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो वायुसेना को शॉर्ट नोटिस पर ही अपने हथियारों को तैनात कर लेना है।
एलएसी पर वायु सेना सक्रिय
वायु सेना, भारत और चीन के बीच 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विभिन्न अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों को पहुंचाने के लिए अपने इलयुशिन-76 बेड़े का भी इस्तेमाल कर रही है। वायु सेना पहले ही लेह और श्रीनगर समेत कई प्रमुख वायुसैनिक केंद्रों पर अपने फ्रंटलाइन सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 विमान तैनात कर चुकी है।
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भारतीय वायुसेना ने खुद को लद्दाख के मोर्चे पर लंबे समय तक तैनाती के लिए तैयार करना शुरू कर दिया है। वायुसेना के सामने लद्दाख में सर्दियों में बहुत बड़े पैमाने पर रसद पहुंचाने की चुनौती के साथ-साथ अपने युद्धक जेट्स और हेलीकॉप्टर्स को तैनात रखने के लिए भी तैयारी करनी होगी। लाइन ऑफ कंट्रोल पर भारतीय सेना ने भी अपनी तैनाती चार से पांच गुना बढ़ाई है। इतनी बड़ी तादाद में सैनिकों के लिए सर्दियों के जरूरी इंतजाम करने के लिए वायुसेना अपने परिवहन विमान की पूरी ताकत लगाने की तैयारी कर रही है।