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40 कमांडरों की मौतः आतंकियों में बढ़ी बौखलाहट, बदल रहे घाटी के हालात
आतंकी कमांडरों को मार गिराने के साथ ही सुरक्षा बल आतंकी संगठनों का नया नेतृत्व न पनपने देने की योजना पर काम कर रहे हैं। जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की सक्रियता से आतंकी संगठनों की कमर टूटती जा रही है। सुरक्षाबलों ने इस साल अब तक करीब 40 आतंकी कमांडरों को मार गिराया है जिससे आतंकी गुटों में बौखलाहट दिख रही है। घाटी में सुरक्षा बलों ने आतंकी संगठनों के खिलाफ नई रणनीति अख्तियार कर रखी है।
आतंकी कमांडरों को मार गिराने के साथ ही सुरक्षा बल आतंकी संगठनों का नया नेतृत्व न पनपने देने की योजना पर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर पाकिस्तान सुरक्षाबलों की इस रणनीति से बौखलाया हुआ है क्योंकि घाटी में उसकी साजिशें परवान नहीं चढ़ पा रही हैं।
पाकिस्तान की हर साजिश फेल
सुरक्षा बलों की सक्रियता के कारण घाटी में पाकिस्तान की हर रणनीति फेल साबित हो रही है। सुरक्षाबलों के कड़े तेवर के कारण घाटी में सक्रिय अधिकांश आतंकी संगठन के सरगना मार गिराए गए हैं। इस कारण अधिकांश आतंकी संगठन नेतृत्व विहीन हो गए हैं। जिन आतंकियों को आतंकी संगठनों की कमान सौंपी गई है वे ज्यादा सक्रियता नहीं दिखा पा रहे हैं।
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घाटी में आतंकी संगठन हुए कमजोर (फाइल फोटो)
और इससे पाकिस्तान में बैठे आतंकी आका खासे नाराज बताए जा रहे हैं। पाकिस्तान लगातार इस बात की कोशिश कर रहा है कि वह किसी शातिर आतंकी को घाटी में घुसपैठ करा सके ताकि उसे आतंकी गुटों की कमान सौंपी जा सके और घाटी में आतंकी गतिविधियां बढ़ाई जा सकें।
आतंकी संगठन नेतृत्व विहीन
घाटी में आतंकी संगठन हुए कमजोर (फाइल फोटो)
जम्मू कश्मीर पुलिस के आला अफसरों और सुरक्षाबलों से जुड़े सूत्रों का मानना है कि तमाम आतंकी कमांडरों के एनकाउंटर में ढेर किए जाने से अधिकांश आतंकी संगठन नेतृत्व विहीन हो चुके हैं। कैफतुल्ला को हिजबुल का नया सरगना बनाया गया था। मगर अभी तक वह घाटी में किसी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे सका है।
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पाकिस्तान ने इस बात की भी कोशिश की थी कि वह हुर्रियत के गिलानी गुट को नए नेता के जरिए और ताकतवर बनाए। इसके बाद हिजबुल को पुनर्जीवित करने की साजिश रची गई थी मगर पाकिस्तान की यह योजना भी नाकाम साबित हुई है।
हुर्रियत की गतिविधियां भी ठप
हुर्रियत का भी घटा वर्चस्व (फाइल फोटो)
घाटी में हुर्रियत भी कमजोर पड़ चुका है और उसकी गतिविधियां भी हाल के दिनों में पूरी तरह ठंडी पड़ी हुई हैं। पाकिस्तान में अशरफ शेराई को हुर्रियत की कमान सौंपने की कोशिश की थी। मगर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पाकिस्तान की योजना पूरी नहीं हो सकी।
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इसके बाद पाकिस्तान ने आमिर हमजा को कमान सौंपने की रणनीति तैयार की। पाक की रणनीति थी कि हमजा के नेता बनने से आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी और हिजबुल को भी सक्रिय किया जा सकेगा मगर पाकिस्तान की यह रणनीति भी परवाह नहीं चढ़ सकी है।
सुरक्षाबलों ने कसी नकेल
सुरक्षाबलों ने कसी आतंकियों के नकेल (फाइल फोटो)
वहीं सुरक्षाबलों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस समय घाटी में सुरक्षा बलों ने आतंकी संगठनों की नकेल कस रखी है। सुरक्षाबलों के कड़े तेवर के कारण आतंकी संगठनों में नया मजबूत नेतृत्व में तैयार नहीं हो पा रहा है। सुरक्षा बलों की ओर से नया नेतृत्व तैयार करने की हर साजिश विफल कर दी जा रही है।
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हिजबुल का नया सरगना कैफतुल्ला जब कोई बड़ी वारदात नहीं कर सका तो उसने अपनी साख बचाने के लिए धमकी देने वाला एक वीडियो जारी किया। सूत्रों का कहना है कि अभी तक कैफतुल्ला घाटी में कोई बड़ी वारदात नहीं कर सका है।
मुठभेड़ में तीन आतंकी ढेर
सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ (फाइल फोटो)
इस बीच सुरक्षा बलों की कार्रवाई से बौखलाए आतंकी लगातार किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। शनिवार देर रात आतंकियों ने श्रीनगर के पंथा चौक पर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त नाके पर गोलीबारी की।
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इसके बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चलाया और इसी दौरान आतंकियों की ओर से दोबारा फायरिंग की गई। इसके बाद आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया। आतंकियों की गोलीबारी में पुलिस के एएसआई बाबूराम शहीद हो गए।