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बालाकोट एयर स्ट्राइक से डर गया था मसूद, नहीं तो करता पुलवामा जैसा दूसरा अटैक
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के इस आरोप पत्र में एक सनसनीखेज खुलासा किया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद की ओर से पुलवामा जैसे एक और हमले की तैयारी कर ली गई थी।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के मामले में जम्मू की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से दायर आरोपपत्र में मसूद अजहर समेत 19 लोगों के नाम हैं। इस आरोप पत्र में एक सनसनीखेज खुलासा किया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद की ओर से पुलवामा जैसे एक और हमले की तैयारी कर ली गई थी। मगर इस बीच बालाकोट एयर स्ट्राइक की वजह से मसूद अजहर डर गया और दूसरे हमले को रोक दिया गया।
पुलवामा हमले की हर गुत्थी सुलझा ली
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से दायर साढ़े 13 हजार पन्नों वाले इस आरोप पत्र में पुलवामा आत्मघाती हमले से जुड़ी हर गुत्थी सुलझा ली गई है। पिछले साल हुए पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।
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NIA On Pulwama Attack
सूत्रों का कहना है कि आतंकवादियों ने इसके बाद भी एक और गहरी साजिश रच रखी थी। सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट में आतंकियों की दूसरी साजिश की भी जानकारी दी गई है।
एयर स्ट्राइक से डर गया मसूद अजहर
Balakot Air Strike
सूत्रों का कहना है कि पुलवामा हमले के बाद एक और हमले के लिए कार की व्यवस्था तक कर ली गई थी। हमला करने वाले फिदायीन भी तैयार थे मगर इसी बीच भारतीय वायुसेना की ओर से बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर दी गई। भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक करते हुए जैश-ए- मोहम्मद के ट्रेनिंग सेंटर पर भारी बमबारी कर दी। भारत के आक्रामक रुख और पाकिस्तान पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से दूसरे हमले को रोक दिया गया।
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चार्जशीट में दिए गए सबूतों की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि बालाकोट एयर स्ट्राइक से डरे मसूद अजहर ने तुरंत उमर फारुख को मैसेज करके पुलवामा जैसा दूसरा हमला करने से रोका। उमर फारूख मसूद अजहर का भतीजा है और वह विमान अपहरण कांड में शामिल रहे इब्राहिम अतहर का बेटा है। पुलवामा हमले के डेढ़ महीने बाद ही सुरक्षाबलों ने उसे एक एनकाउंटर में मार गिराया था।
एनआईए ने इस तरह सुलझाई गुत्थी
NIA
जांच एजेंसी की ओर से दायर किए गए आरोप पत्र में मसूद अजहर के अलावा विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए सात आतंकवादियों और चार भगोड़ों का नाम भी शामिल है। सूत्रों का कहना है कि इनमें से दो भगोड़े अभी भी जम्मू-कश्मीर में कहीं छिपे हुए हैं। इनमें एक स्थानीय निवासी है जबकि एक पाकिस्तानी नागरिक बताया जा रहा है। पुलवामा हमले की साजिश रचने वालों के रूप में मसूद अजहर के दो संबंधियों अब्दुल रऊफ और अम्मार अल्वी का नाम भी आरोपपत्र में दर्ज किया गया है।
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जानकारों का कहना है कि एनआईए ने इलेक्ट्रॉनिक सबूतों और अलग-अलग मामलों में पकड़े गए आतंकियों और उनके संरक्षणदाताओं के बयानों की मदद से पुलवामा हमले की गुत्थी सुलझाई है। चार्जशीट में आत्मघाती बम हमलावर आदिल डार को शरण देने और उसका अंतिम वीडियो बनाने के लिए पुलवामा से पकड़े गए लोगों को भी नामजद किया गया है।
बशीर के घर बना था आखिरी वीडियो
Adil Dar
डार ने ही पिछले साल 14 फरवरी को लगभग 200 किलो विस्फोटक से भरे वाहन से सीआरपीएफ के काफिले को टक्कर मारी थी। चार्जशीट में बताया गया है कि डार ही विस्फोटक से लदी वह कार चला रहा था। उसने बिलाल अहमद कूचे द्वारा खरीदे गए हाईटेक फोन से पुलवामा में शाकिर बशीर के घर पर अपना आखिरी वीडियो बनाया था। डार की मौत हो चुकी है जबकि बशीर और कूचे को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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आरोप पत्र में यह जानकारी दी गई है कि पहले बशीर कार चला रहा था मगर बाद में उसने कार डार को सौंप दी और डार ने ही सीआरपीएफ के काफिले में विस्फोटकों से भरी उस कार को घुसा दिया। इस पेचीदा मामले की जांच से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि यह काफी उलझा हुआ मामला था और इसकी जांच के दौरान कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा मगर उन दिक्कतों को दूर करने के बाद अदालत में ठोस आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है।