TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

आ रहा दुश्मन का काल, चल चुका है तूफान बनकर राफेल

ये विमान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में जुलाई के अंत तक शामिल किये जाने वाले हैं। संभावना है कि राफेल विमान लद्दाख सेक्टर में तैनात किया जाएंगे।

Newstrack
Published on: 27 July 2020 3:14 PM IST
आ रहा दुश्मन का काल, चल चुका है तूफान बनकर राफेल
X

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होने वाला है। फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस से राफेल फाइटर विमानों का पहला बैच 7 हजार किमी की दूरी तय कर 29 जुलाई को भारत पहुंचेगा। इन मल्टी-रोल फाइटर जेट्स के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। ये विमान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में जुलाई के अंत तक शामिल किये जाने वाले हैं। संभावना है कि राफेल विमान लद्दाख सेक्टर में तैनात किया जाएंगे।

चीन में तबाही मचाने को तैयार राफेल

हाल में सम्पन्न वायु सेना के कमांडरों की बैठक में लद्दाख सेक्टर में अगले महीने की शुरूआत तक राफेल विमानों के प्रथम बेड़े को तैनात करने पर विशेष रूप से चर्चा हुई है। वायुसेना पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पिछले कुछ हफ्तों से रात के समय में लड़ाकू हवाई गश्त कर रही है। इसका उद्देश्य चीन को यह संदेश देना है कि वह इस पर्वतीय क्षेत्र में किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिये बखूबी तैयार है।

ये भी पढ़ें- मौलाना आजाद पर बवाल: CBI के पूर्व चीफ नागेश्वर राव बने वजह, मचा घमासान

काफी ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में जटिल सुरक्षा परिदृश्य से निपटने में थल सेना और वायुसेना की समन्वित लड़ाकू क्षमता जरूरी है और इसमें राफेल विमानों का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है। राफेल की मारक क्षमता इतनी है कि वह चीन के काफी अंदर तक तबाही मचा सकता है। राफेल में लगे मिसाइल सिस्टम बहुत एडवांस हैं।

किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार

चीन के साथ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 जैसे अग्रिम मोर्चे के अपने लगभग सभी तरह के लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में सीमांत वायुसेना ठिकानों और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे स्थानों पर तैनात किये हैं।

ये भी पढ़ें- मछुआरा हुआ अमीर: हाथ लगी लाखों की लॉटरी, मिली 800 किलो की दुलर्भ मछली

यही नहीं, अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर और विभिन्न अग्रिम स्थानों पर सैनिकों को पहुंचाने के लिये चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात किये गए हैं। अमेरिका से मिले ये हेलीकाप्टर बहुत उन्न्त हैं और इनका किसी भी स्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story