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संजय राउत गरजे मोदी सरकार पर, कहा कि केंद्र नहीं दे रहा GST के पैसे

शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र के 25 हजार करोड़ रुपये केंद्र के पास बकाया हैं जिसे वह देने के लिए तैयार नही हैं।

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Published on: 17 Sep 2020 11:43 AM GMT
संजय राउत गरजे मोदी सरकार पर, कहा कि केंद्र नहीं दे रहा GST के पैसे
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शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र के 25 हजार करोड़ रुपये केंद्र के पास बकाया हैं जिसे वह देने के लिए तैयार नही हैं। हम कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ेंगे?

नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना काल के बीच सांसद का मानसून सत्र जारी है। जिसमें आए दिन संसद में बहस जारी है। और सभी दल अपनी-अपनी बातों को रख रहे हैं। इस सत्र के दौरान आज यानी गुरुवार को विपक्ष की कई पार्टियों ने केंद्र के पास बकाया जीएसटी की राशि की मांग के लिए संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।

जिसमें संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने टीआरएस, तृणमूल कांग्रेस डीएमके आरजेडी, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, समाजवादी पार्टी और शिवसेना सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं आजकल चर्चा में रह रहे शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र के 25 हजार करोड़ रुपये केंद्र के पास बकाया हैं जिसे वह देने के लिए तैयार नही हैं। हम कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ेंगे?

सरकार के पास नहीं पैसे, GST बकाया का भुगतान करे केंद्र- संजय राउत

Sanjay Raut राज्यसभा में बोले संजय राउत (फाइल फोटो)

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शिवसेना सांसद राउत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 1 सितंबर से केंद्र ने विभिन्न साजोसामान की मदद बंद कर दी है। संजय राउत ने कहा कि केंद्र सरकार को पीएम केयर फंड से सभी राज्यों की मदद करनी चाहिए। वहीं राउत ने कहा कि सरकार की ओर से कम से कम जीएसटी के बकाया का ही भुगतान कर दिया जाए।

Praful Patel राज्यसभा में बोले प्रफुल पटेल (फाइल फोटो)

हम लोग अपना काम कैसे भी कर के चला लेंगे। वहीं महाराष्ट्र सरकार की सहयोगी पार्टी और केंद्र की विपक्षी पार्टी एनसीपी की ओर से सांसद प्रफुल्ल पटेल ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में दवाइयों और ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी है। उन्हें दूर करने की जरूरत है। प्रफुल्ल पटेल ने भी महाराष्ट्र सरकार के पास पैसे की कमी की बात करते हुए कहा कि राज्यों के पास कई वजहों से पैसे की कमी है।

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ऐसे में राज्यों को जीएसटी के बकाए का भुगतान किया जाना चाहिए। वहीं शिवसेना सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस बीमारी से हर राज्य प्रभावित है। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं करने की बात करने वाले खुद ही राजनीति करने में लगे हुए हैं। उन्होंने भी राज्यों को जीएसटी बकाए का भुगतान करने की मांग की।

केंद्र ने राज्यों को दिए हैं दो विकल्प

Nirmala Sitaraman वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (फाइल फोटो)

वहीं जीएसटी के मामले पर केंद्र सरकार को घेरते को पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने आरोप लगाया कि राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए दिए गए जीएसटी विकल्पों पर राज्यों को सहमत करने के लिए राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल जा रहा है। मित्रा ने कहा कि अगर केंद्र द्वारा दिए गए दो विकल्पों पर जीएसटी परिषद की अगली बैठक में मतदान के लिए मजबूर किया जाता है, तो यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक भूल होगी।

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आपको बता दें कि केंद्र ने राज्यों को दो विकल्प दिए हैं, जिनके तहत वे चालू वित्त वर्ष में 2.35 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित घाटे के लिए बाजार से उधार ले सकते हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 27 अगस्त को जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक के बाद कहा था कि कोविड-19 एक दैवीय आपदा है। जिसके चलते अर्थव्यवस्था और जीएसटी संग्रह पर बुरा असर पड़ा है।

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