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कुछ ऐसा होगा नरेंद्र मोदी की परिकल्पना का न्यू संसद भवन

संसद चूंकि लोकतंत्र का मंदिर है इसलिए एक पवित्र इमारत है। जिसे देश के तमाम पूजास्थलों की तरह देखा जा सकता है। दिल्ली में हुमायूं के मकबरे और श्रीयंत्र के पवित्र डिजाइन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिकोण पवित्र ज्यामितीय का एक हिस्सा है। न्यू संसद भवन का डिजाइन इन सबके जैसा ही होगा। जिसमें जालियां और आकर्षक इंटरलाकिंग रहेंगी।

राम केवी
Published on: 9 Jan 2020 3:24 PM IST
कुछ ऐसा होगा नरेंद्र मोदी की परिकल्पना का न्यू संसद भवन
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रामकृष्ण वाजपेयी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न्यू संसद भवन की परिकल्पना को मूर्त रूप देने का काम शुरू हो चुका है। न्यू संसद भवन के भीतर लोकसभा हाल में 800 से 1200 लोगों के एक साथ बैठने की क्षमता रहेगी। एक साल में दो बार होने वाले संयुक्त अधिवेशनों में दोनो सदनों के सदस्य एक साथ बैठ सकेंगे। वर्तमान में पुराने संसद भवन में संयुक्त अधिवेशन सेंट्रल हाल में बुलाया जाता है।

आर्किटेक्ट व अरबन प्लानर डॉ. बिमल पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज में बताया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक सुझाव था, जिसे मूर्त रूप देने का काम गुजरात की हमारी फर्म करेगी। हमारी फर्म ने नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के प्रतिष्ठित पुनर्विकास प्रोजेक्ट के लिए परामर्शी बोली जीतकर यह सम्मान अर्जित किया है।

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2024 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट

पटेल ने बताया कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट न्यू संसद भवन के 2024 तक पूरा हो जाने का अनुमान है। उनकी फर्म के लिए यह डेडलाइन है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि ये प्रोजेक्ट अंतहीन लंबा न खिंचे और हम चूंकि उनके साथ पहले काम कर चुके हैं इसलिए हमारे लिए ये कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

श्री पटेल ने कहा कि अन्य संरचनाओं की तरह न्यू संसद भवन का निर्माण आगरा के लाल पत्थर से होगा, वास्तव में यह अतीत से भिन्न नहीं है, बल्कि उसके साथ मिलकर काम करने जैसा है।

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मंदिर का आभास देगा भवन

पटेल ने कहा कि संसद चूंकि लोकतंत्र का मंदिर है इसलिए एक पवित्र इमारत है। जिसे देश के तमाम पूजास्थलों की तरह देखा जा सकता है। दिल्ली में हुमायूं के मकबरे और श्रीयंत्र के पवित्र डिजाइन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिकोण पवित्र ज्यामितीय का एक हिस्सा है। न्यू संसद भवन का डिजाइन इन सबके जैसा ही होगा। जिसमें जालियां और आकर्षक इंटरलाकिंग रहेंगी।

कुछ इस अंदाज में बैठेंगे माननीय

न्यू संसद भवन के भीतर बैठने की व्यवस्था U हार्स शू (घोड़े की नाल ) के आकार की होगी। पटेल ने संसद के अंदर ध्वनिकी में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर देते हुए कहा कि वे सैन डिएगो फर्म के साथ परामर्श कर रहे हैं, जिसमें ज्यादातर भौतिक विज्ञानी शामिल हैं।

सेंट्रल विष्टा प्रोजेक्ट की विशेषताएं

गुजरात की एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्रा. लि. के मुखिया और प्रसिद्ध आर्किटेक्ट सेंट्रल विष्टा प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें संसद की सुविधाओं को आधुनिक बनाया जा रहा है। उन्होने बताया कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से सरकारी कामकाज को समेकित, युक्तिसंगत और समन्वित किया जा रहा है।

श्री पटेल ने बताया कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू को अलंकृत और बेहतरीन किया जा रहा है, सेंट्रल विस्टा में सांस्कृतिक संस्थानों को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने तक इसे पूरा करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है।

राम केवी

राम केवी

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