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New Sansad Bhavan Ki Khasiyat: लोकतंत्र के नए मंदिर में होगी आज संसद की बैठक, जानिए क्या हैं नए संसद भवन की खासियतें ?
New Sansad Bhavan Ki Khasiyat: संसद की नई बिल्डिंग में आज सांसदों के प्रवेश को खास बनाने के लिए काफी तैयारियां की गई हैं। संसद के सभी सदस्य पुरानी संसद से संसद के नए भवन तक पैदल जाएंगे और सांसदों का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
New Sansad Bhavan Ki Khasiyat: देश के संसदीय इतिहास में आज का दिन ऐतिहासिक माना जा रहा है। संसद के विशेष सत्र की बैठक आज नए संसद भवन में होगी। गणेश चतुर्थी के मौके पर संसद के नए भवन में बैठकों का श्रीगणेश होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। संसद की नई बिल्डिंग में आज सांसदों के प्रवेश को खास बनाने के लिए काफी तैयारियां की गई हैं। संसद के सभी सदस्य पुरानी संसद से संसद के नए भवन तक पैदल जाएंगे और सांसदों का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सभी सांसदों के हाथों में संविधान की प्रति होगी। लोकसभा की बैठक दोपहर सवा एक बजे नए संसद भवन में शुरू होगी जबकि राज्यसभा की बैठक के लिए दोपहर सवा दो बजे का समय तय किया गया है।
संसद के पुराने भवन में भी सांसदों के लिए सारी सुविधाओं का ख्याल रखा गया था मगर नए संसद भवन में सुविधाएं काफी बढ़ा दी गई हैं। यह भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसके साथ ही संसद के दोनों सदनों में सांसदों के बैठने की क्षमता में भी काफी बढ़ोतरी की गई है।
नए संसद भवन का क्षेत्रफल भी संसद की पुरानी बिल्डिंग से काफी ज्यादा है। इसे पूरी गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड टाइम में पूरा किया गया है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि नए संसद भवन की क्या खासियतें हैं और सुविधाओं में क्या बढ़ोतरी की गई है।
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नए संसद भवन में अत्याधुनिक सुविधाएं
संसद की नई बिल्डिंग को चर्चित आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने डिजाइन किया है। बिमल पटेल का ताल्लुक गुजरात के अहमदाबाद शहर से है। वे इससे पहले भी कई प्रसिद्ध इमारतों को डिजाइन कर चुके हैं। नया संसद भवन तमाम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। त्रिकोण के आकार में बनाए गए नए संसद भवन की दिव्यता और भव्यता ने लोगों का दिल जीत लिया है। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन का निर्माण कराया गया है।
नए संसद भवन को पूरी गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड टाइम में बनाया गया है। इसका निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इसे बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था। नया संसद भवन पूरी तरह से भूकंपरोधी है और ऐसे में इस पर किसी भी भूकंप का कोई असर नहीं होगा।
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भव्य संविधान हाल का भी निर्माण
भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए नए संसद भवन में एक भव्य संविधान हाल भी बनाया गया है। नई संसद में संविधान हॉल भवन के बीचोंबीच बना हुआ है। इसके ऊपर अशोक स्तंधभ लगा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी। इसके साथ ही यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस और देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं।
नए भवन में तीन गेट,आवागमन में नहीं होगी दिक्कत
नए संसद भवन में सांसदों के लिए एक लाउंज, पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान की व्यवस्था की गई है। कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं।
कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था की गई है। अहम कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं। नए संसद भवन में तीन गेट बनाए गए हैं ताकि आवागमन में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
सांसदों के बैठने की क्षमता बढ़ी
नए संसद भवन की एक बड़ी खासियत यह भी है कि इसमें सांसदों के बैठने की क्षमता काफी ज्यादा है। पुराने संसद भवन में लोकसभा में 590 और राज्यजसभा में 280 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है जबकि नए संसद भवन की बात की जाए तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है। नई राज्य सभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्याादा लोगों के बैठने की क्षमता है। दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन होने के समय 1272 से अधिक सांसद एक साथ बैठ सकते हैं।
पुराने भवन से क्षेत्रफल काफी ज्यादा
नए संसद भवन का क्षेत्रफल पुराने संसद भवन की अपेक्षा काफी ज्यादा है। नया संसद भवन लगभग 64,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनाया गया है। नए और पुराने संसद भवन की आकृति में भी काफी अंतर है। पुराना वाला संसद भवन गोलाकार आकृति में बना हुआ है जबकि नया वाला संसद भवन त्रिकोण आकृति में है। पुराना वाला संसद भवन 24,281 वर्ग मीटर में बनाया गया था। इसका व्यास 170.69 मीटर और परिधि 536.33 मीटर है।
मई में हुआ था नए संसद भवन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। इस कार्य के लिए राज्यसभा और लोकसभा की ओर से 5 अगस्त 2019 को आग्रह किया गया था। शुरुआत में इसकी लागत 861 करोड़ आंकी गई थी मगर बाद में इसके निर्माण की कीमत 1200 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। देश के अधिकांश विपक्षी दलों की ओर से उद्घाटन समारोह का बायकॉट किया गया था। विपक्षी दलों का कहना था कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाना चाहिए था।
देशवासियों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब
उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत बधाई देता हूं। यह सिर्फ भवन नहीं है बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। यह हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास सेगोल को भी स्थापित किया था। अब आज गणेश चतुर्थी के दिन इसी नए भवन में संसद के विशेष सत्र की बैठक होगी जिस पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं।