निर्भया केस: दोषियों को होगी फांसी, राष्ट्रपति को नहीं भेजी...

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 हुआ वो झकझोर के रख देने वाले निर्भया रेप कांड सभी को याद है। इसी से जुड़ी नई खबर आ रही है।

Roshni Khan
Published on: 5 Nov 2019 7:45 AM GMT
निर्भया केस: दोषियों को होगी फांसी, राष्ट्रपति को नहीं भेजी...
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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 हुआ वो झकझोर के रख देने वाले निर्भया रेप कांड सभी को याद है। इसी से जुड़ी नई खबर आ रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि, तिहाड़ जेल और मंडोली जेल में बंद तीनों आरोपियों ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका भेजने से इनकार कर दिया है। 4 नवंबर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी नहीं खटखटाया गया। खबरों की मानें तो दया याचिका दाखिल करने का समय अब खत्म हो गया है। ऐसे में दया याचिका राष्ट्रपति को नहीं भेजे जाने के चलते निचली न्यायालय को अर्जी भेजकर जेल प्रशासन दोषियों को फांसी देने की तैयारी शुरू कर देगा।

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दोषियों ने जेल प्रशासन को सौंपा अपना जवाब

16 दिसंबर 2016 में देश-दुनिया को हिला देने वाले निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के मुजरिमों ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाया। मौत की सजा में कमी या उससे माफी के लिए मुजरिम राष्ट्रपति की देहरी पर जाने की बात से पहले ही इनकार कर चुके हैं। दूसरी ओर जेल में बंद तीन आरोपियों ने सोमवार को दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को उनके नोटिस का जबाब दाखिल कर दिया। आरोपियों के वकील डॉ। अजय प्रकाश सिंह ने इसकी पुष्टि की है।

खास बात तो ये है कि 29 अक्टूबर को जेल प्रशासन ने आरोपियों को दया याचिका दाखिल करने संबंधी नोटिस दिया था। इस नोटिस में प्राप्ति के दिन से दया याचिका के लिए 7 दिन का टाइम दिया गया था। दिया गया टाइम वक्त अब खत्म हो चुका है।

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आरोपियों के वकील ने जेल प्रशासन पर लगाया आरोप

चौथे आरोपी मुकेश के वकील को छोड़कर तीनों सज़ायाफ्ता मुजरिमों के वकील सोमवार को अचानक तिहाड़ और मंडोली जेल जा पहुंचे। वकीलों ने संबंधित जेल के अधीक्षक कार्यालय में उनके यहां से जारी नोटिस का जबाब दाखिल किया। मुजरिम अक्षय कुमार सिंह और विनय कुमार शर्मा के वकील डॉ। अजय प्रकाश सिंह ने कहा, 'कानून सबके लिए समान है। हमारे मुवक्किलों के लिए जब कई दिनों की एक साथ छुट्टियां पड़नी तय थीं, तभी 29 अक्टूबर को जेल प्रशासन और दिल्ली सरकार ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका भेजने के लिए सात दिन का नोटिस दे दिया, जोकि सरासर कानून का मजाक था।'

उन्होंने आगे कहा, 'मेरे मुवक्किल पवन कुमार गुप्ता की उम्र को लेकर केस हाईकोर्ट में लंबित है। जबकि विनय और अक्षय को लेकर भी याचिकाएं डालने का हमारा हक बाकी है।'

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