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सोते बच्चे के साथ सूटकेस खींचने पर मानवाधिकार आयोग ने लिया बड़ा एक्शन
आगरा हाइवे पर एक प्रवासी महिला का अपने बेटे को सूटकेस पर सुलाकर खींचने का मामला तूल पकड़ने लगा है। सोशल मीडिया में तस्वीरें वायरल होने के बाद ये मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुका है।
नई दिल्ली: आगरा हाइवे पर एक प्रवासी महिला का अपने बेटे को सूटकेस पर सुलाकर खींचने का मामला तूल पकड़ने लगा है। सोशल मीडिया में तस्वीरें वायरल होने के बाद ये मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुका है।
इस मामले का संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने अब पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस भेजा है। आयोग ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह इस घटना से भलीभांति परिचित है और लॉकडाउन के दौरान आ रही मुश्किलों को दूर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें गंभीरता से प्रयास कर रही हैं।
आयोग ने कहा कि अगर स्थानीय अधिकारी सतर्क होते तो उस परेशान परिवार और ऐसी तकलीफों का सामना कर रहे अन्य लोगों कुछ राहत तत्काल पहुंचाई जा सकती थी।
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उसने कहा, ''यह घटना मानवाधिकार के उल्लंघन के समान है और इसमें एनएचआरसी के हस्तक्षेप की आवश्यकता है।'' एनएचआरसी ने कहा कि उसने पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों और आगरा के जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
उसने आगे कहा, ''लेकिन हैरानी की बात है कि बच्चे और उसके परिवार के दर्द और तकलीफ को स्थानीय अधिकारियों को छोड़कर रास्ते में मिलने वाले कई लोगों ने महसूस किया।''
ये था मामला
दरअसल, झांसी जिले के महोबा के डेढ़ दर्जन के लगभग लोग पंजाब से पैदल अपने घर जाने के लिए निकले. इनके छोटे-छोटे बच्चों के पैरों में कदम भर चलने की भी ताकत नहीं बची तो मां ने सूटकेस पर बच्चे को लटका दिया और सूटकेस को रस्सी से खींचने लगीं। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरस हुआ था। जिसके बाद ये मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में आया।
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