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NIA Raid on Former PFI Workers: केरल के मलप्पुरम में PFI के पूर्व कार्यकर्ताओं पर एनआईए का छापा
NIA Raid on Former PFI Workers: प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई जारी है। बैन लगाने के बाद व्यापक पैमाने पर इसके नेताओं और कार्यकर्ताओं की देशभर में धरपकड़ हुई थी।
NIA Raid on Former PFI Workers: प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई जारी है। बैन लगाने के बाद व्यापक पैमाने पर इसके नेताओं और कार्यकर्ताओं की देशभर में धरपकड़ हुई थी। लेकिन इस संगठन से जुड़े ऐसे लोगों की संख्या भी अच्छी खासी है जो कार्रवाई की डर से अंडरग्राउंड हो चुके हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के रडार पर ऐसे लोग भी हैं, जो प्रतिबंधित संगठन से सहानूभुति रखते हैं। इसके अलावा पीएफआई के पूर्व कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर भी पैनी नजर है।
एनआईए ने इसी को लेकर रविवार को केरल के मलप्पुरम में बड़ी कार्रवाई की है। केरल पीएफआई की जन्मस्थली है और यहां उसका संगठन काफी मजबूत है। जांच एजेंसी ने आज संगठन के पूर्व कार्यकर्ताओं के ठिकाने पर छापा मारा है। इस कार्रवाई की भनक लोकल पुलिस को भी एकदम से अंतिम समय में जाकर लगी। रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह से शुरू हुई रेड देर शाम तक जारी रही। जिन ठिकानों पर छापा चल रहा है, वहां किसी को न अंदर से बाहर और न ही बाहर से अंदर आने दिया जा रहा है।
मलप्पुरम जिले के मंजेरी में ही पीएफआई का मुख्यालय ग्रीन वैली स्थित है। जिस पर एनआईए ने छापा मार कर उसे सील कर दिया था। संघीय जांच एजेंसी की टीम लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों में पीएफआई के संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पिछले कुछ महीनों में बिहार समेत अन्य राज्यों में एनआईए ने इस सिलसिले में छापे मारे हैं। दरअसल, जांच एजेंसी हिरासत में मौजूद पीएफआई के लोगों से मिल रही जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रही है।
सितंबर 2022 में बैन किया गया था संगठन
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) अपनी संदिग्ध गतिविधियों को लेकर लगातार विवादों में था। यह संगठन खुद को आरएसएस की तरह पेश करने की कोशिश करता था। इस पर धर्मांतरण, मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ धकेलने और अन्य प्रकार की देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। बीजेपी के अलावा केरल के वामपंथी भी इस संगठन के विरोध में रह रहे हैं। सीएए हिंसा और अन्य धार्मिक तनावों में शामिल होने की लगातार आ रही रिपोर्ट्स को देखते हुए बीते साल यानी सितंबर 2022 में आखिरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस रेडिकल इस्लामिक संगठन पर बैन लगाने का आदेश जारी कर दिया था।
केंद्र सरकार ने पीएफआई पर टेरर लिंक का आरोप लगाते हुए उसे और उसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी पांच साल का बैन लगा दिया। इस कार्रवाई से पहले एनआईए और ईडी ने संगठन के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाईयां की थीं। इस दौरान पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैंकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया था।