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अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत पर बोले नितिन गडकरी- कठिन समय बीत जायेगा
देश की मौजूदा सुस्त अर्थव्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ऑटोमोबाइल सेक्टर, सूक्ष्म, लघु और मझौले व्यापारियों को अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण उम्मीद न खोने की सलाह दी है।
नागपुर: देश की मौजूदा सुस्त अर्थव्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ऑटोमोबाइल सेक्टर, सूक्ष्म, लघु और मझौले व्यापारियों को अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण उम्मीद न खोने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि निराश न हों, यह समय बीत जाएगा।
कभी-कभी उद्योगों को परेशानी उठानी पड़ती है
गडकरी ने कहा, “हाल ही में मैंने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के एक सम्मेलन में उत्पादकों से मुलाकात की। वे सभी थोड़ा परेशान थे। इस पर मैंने उनसे कहा कि कभी खुशी होती है, कभी गम होता है। कभी आप सफल होते हैं, कभी असफल।
जीवन एक चक्र की तरह है। इसी तरह वैश्विक अर्थव्यवस्था भी है। डिमांड और सप्लाई, बिजनेस साइकिल में आपको कभी-कभी थोड़ी परेशानी आती है। यहां तक की पूरा विश्व इस समस्या से जूझ रहा है। इसलिए निराश न हों।’’
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गडकरी ने सबसे पहले मानी थी ऑटो सेक्टर में मंदी की बात
इससे पहले गडकरी ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के सालाना कन्वेंशन में ऑटो सेक्टर में मंदी पर बात की थी। उन्होंने माना था कि वाहन उद्योग अभी समस्या के दौर में है।
गडकरी ने सलाह दी थी कि उत्पादक निर्यात बढ़ाकर घरेलू बाजार में कम हुई बिक्री की भरपाई कर सकते हैं। उन्होंने उद्योगों को सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।
कांग्रेस ने वित्त मंत्री पर बोला हमला
अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के संवाददाता सम्मेलन को ''निराशाजनक और नीरस'' करार देते हुए कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि निर्मला इस संकट को लेकर बेखबर हैं और इससे उबरने के लिये सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही तो कुछ महीनों में ही अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर देश को अभूतपूर्व संकट का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''देश की वित्त मंत्री का संवाददाता सम्मेलन निराशाजनक और नीरस था। देश की आर्थिक स्थिति और संकट को देखते हुए ऐसे कदम की उम्मीद थी जिससे चीजें सही हों और नई शुरुआत हो। लेकिन कोई ऐसा कदम नहीं उठाया गया जिससे यह लगे कि अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है।''
उन्होंने दावा किया कि वित्त मंत्री इससे बेखबर हैं कि अर्थव्यवस्था को इस संकट से कैसे उबारा जाएगा। शर्मा ने कहा, ''वित्त मंत्री को देश के अर्थतंत्र की गाड़ी आगे की ओर चलाने की जिम्मेदारी मिली है। उन्हें रिवर्स गीयर में गाड़ी नहीं चलानी चाहिए।"
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वित्त मंत्री से कांग्रेस ने की ये मांग
वित्त मंत्री सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बयानों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "मंत्रियों के बयानों ने देश को चौंका दिया है। वे संकट के लिए युवाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसके लिए वित्त मंत्री ने क्षमा भी नहीं मांगी। देश के लोगों को इतना बड़ा अपमान किसी मंत्री ने नहीं किया।''
उन्होंने कहा कि अगर अर्थव्यवस्था की यही स्थिति रही तो कुछ महीनों में देश के सामने अभूतपूर्व संकट होगा। इसके लिए सरकार की कोताही और अहंकार जिम्मेदार होगा। शर्मा ने कहा, "प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्षों में 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने की बात की , वित्त मंत्री ने भी इस बारे में की और वाणिज्य मंत्री ने भी बात की।
अब कौन सी जादू की छड़ी है कि इतने कम समय में देश यहां तक पहुंच जाएगा। हमने बार बार कहा है कि इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हर साल जीडीपी विकास की दर नौ फीसदी होनी चाहिए।''
वित्त मंत्री के इस बयान के बाद विपक्ष ने साधा निशाना
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि देश में औद्योगिक उत्पादन और स्थिर निवेश में सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने यह बात ऐसे समय की है जबकि आर्थिक वृद्धि की दर छह साल के निचले स्तर पर आ गयी है। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में नरमी के दौर से गुजर रही घरेलू अर्थव्यवस्था के लिये प्रोत्साहनों की तीसरी किस्त की घोषणा की।
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