'चमकी' बुखार से हुई मौतों पर नीतीश कुमार ने तोड़ी चुप्पी, दिया ये बयान

बिहार में अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से 154 बच्चों की मौत के बाद आखिरकार सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। विधानसभा में चमकी बुखार पर जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि जो भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

Dharmendra kumar
Published on: 1 July 2019 2:35 PM GMT
चमकी बुखार से हुई मौतों पर नीतीश कुमार ने तोड़ी चुप्पी, दिया ये बयान
X
लाइलाज सिसकियां, बेकाबू चीत्कार नाम 'चमकी

पटना: बिहार में अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से 154 बच्चों की मौत के बाद आखिरकार सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। विधानसभा में चमकी बुखार पर जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि जो भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने साफ कहा कि इस पर सिर्फ दुख व्यक्त करना पर्याप्त नहीं है। यह काफी गंभीर मुद्दा है।

सीएम ने कहा कि सरकार ने बचाव की पूरी कोशिश की है। इस पर विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई, जिससे इसकी तह तक जाया जा सके। नीतीश ने बच्चों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि एईएस से मरने वाले अधिकांश बच्चे गरीब परिवार से हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गरीबों और गांवों के विकास के लिए बनायी गयी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें जोड़कर उनके उत्थान के लिए संकल्पित है।

यह भी पढ़ें...यूपी में 86 तहसीलदारों के तबादले, यहां देखें पूरी लिस्ट

सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण का निर्देश

बिहार विधानसभा की आज की कार्यवाही शुरू होते ही एईएस (चमकी बुखार) से इस मौसम में 28 जून तक 154 बच्चों की मौत को लेकर विपक्षी दलों द्वारा कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया गया। प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के सरकार की ओर से जवाब देने के बाद नीतीश ने कहा, "जो हुआ, दुर्भाग्यपूर्ण है और दुःख व्यक्त करना काफी नहीं है, यह बेहद गंभीर मसला है... हमने कई बैठकें की हैं और मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की है...।’’

''ज्यादातर पीड़ित गरीब परिवारों के हैं''

उन्होंने कहा कि इस रोग के कारण पिछले कुछ सालों में इससे पीड़ित होने वालों की संख्या में कमी आयी थी, लेकिन इस साल कुछ ज्यादा की घटना घट गयी जिसको लेकर सरकार सभी दृष्टिकोण से सचेत है। नीतीश ने कहा कि पीड़ितों के परिजनों से मिलने के बाद यह काफी हद तक स्पष्ट था कि ज्यादातर पीड़ित गरीब परिवारों के हैं।

यह भी पढ़ें...CWC19: वर्ल्ड कप से विजय शंकर बाहर, इस खिलाड़ी को मिल सकती है टीम में जगह

उन्होंने कहा कि उनके सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण का निर्देश दिया है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर वंचित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, शौचालय योजना, शुद्ध पेयजल योजना तथा सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सूखे की बन रही स्थिति पर चिंता जताते हुए सभी दलों के विधायकों से सदन के बाहर बैठक कर अपने अपने क्षेत्रों की स्थिति से अवगत कराने के लिए कहा।

बिहार विधानसभा की आज की कार्यवाही शुरू होते हुए विपक्षी दलों के अपने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए सबसे पहले एईएस पर चर्चा कराए जाने की मांग को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने स्वीकृति दे दी। चर्चा में राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह एवं विजय शंकर दुबे, राजद नेता ललित यादव एवं नेमतुल्लाह तथा भाकपा के महबूब आलम ने भाग लिया।

यह भी पढ़ें...अमेठी का किला फतह करने के बाद स्मृति ईरानी ने चला ये बड़ा दांव

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दिया जवाब

सदन में एईएस पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए उपायों के कारण मुजफ्फरपुर में इस वर्ष एईएस से होने वाली मृत्यु के दर में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस रोग के कारण 2013 में मृत्यु दर बढ़कर जहां 38 प्रतिशत हो गया था, वह सरकार के सतत प्रयास के कारण 2018 में घटकर 21 प्रतिशत हो गया।

इससे पूर्व मंत्री के जवाब देने के लिए खड़े होने पर मुख्यमंत्री से इस पर जवाब देने की मांग करते हुए विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए लेकिन मुख्यमंत्री के बोलने के समय वे सदन में वापस लौट आए थे। बिहार विधानसभा की आज की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी सदस्यों ने सदन परिसर में हाथों में तख्तियां लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग की।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story