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MP Elections 2023: INDIA गठबंधन में ही छिड़ गई जंग, सपा के बाद अब जदयू ने दिया कांग्रेस को झटका, मध्य प्रदेश में जारी कर दी पार्टी प्रत्याशियों की सूची
MP Elections 2023: जदयू ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी एकजुट का सूत्रधार माना जाता रहा है ।
MP Elections 2023: भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने के लिए बने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल दलों में आपस में ही जंग छिड़ती नजर आ रही है। विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दलों की एकजुटता का दावा हवा-हवाई साबित होता दिख रहा है। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के बाद अब जदयू ने भी कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है।
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है । मगर सहयोगी दलों ने ही कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। जदयू ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी एकजुट का सूत्रधार माना जाता रहा है । मगर उनकी ही पार्टी ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने वाला कदम उठाते हुए भाजपा को हमला करने का बड़ा मौका मुहैया कर दिया है। भाजपा ने जदयू के इस कदम पर करारा तंज कसा है।
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सपा के बाद अब जदयू ने उतारे प्रत्याशी
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं के बीच पहले ही तीखी बयानबाजी हो चुकी है। हालांकि राहुल गांधी के दखल देने के बाद एक-दूसरे पर आरोप लगाने पर रोक लग चुकी है । मगर दोनों दलों के बीच अभी भी तल्खी बरकरार है। वैसे समाजवादी पार्टी ने राज्य की तमाम सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस को बड़ा झटका जरूर दे दिया है।
अब वही काम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी किया है। जदयू ने मंगलवार को मध्य प्रदेश में पांच उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया।
पार्टी ने जिन उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है,उनमें पिछोर विधानसभा सीट से चंद्रपाल यादव, राजनगर से रामकुंवर (रानी) रैकवार, विजय राघवगढ़ सीट से शिव नारायण सोनी, थांदला विधानसभा सीट से तोल सिंह भूरिया और पेटलावद विधानसभा सीट से रामेश्वर सिंघार को उम्मीदवार बनाया गया है।
इंडिया गठबंधन को लेकर उठने लगे सवाल
जदयू की ओर से यह कदम उठाए जाने के बाद बिहार में विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया को लेकर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। बिहार में महागठबंधन के भीतर पहले से ही खींचतान का दौर चल रहा है और कांग्रेस को लंबे समय से पार्टी के दो चेहरों को मंत्री बनाए जाने का इंतजार है। मजे की बात यह है कि यह कदम विपक्षी एकजुटता के सूत्रधार नीतीश कुमार की पार्टी की ओर से उठाया गया है।
नीतीश कुमार की पहल पर विपक्षी दलों के नेताओं की पहली बैठक पटना में ही हुई थी।
नीतीश कुमार विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर बड़े-बड़े दावे करते रहे हैं। पटना में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की बात कही थी। उनका कहना था कि भाजपा उम्मीदवारों की हार सुनिश्चित करने के लिए विपक्षी दलों की ओर से एक साझा उम्मीदवार उतारा जाएगा मगर नीतीश कुमार का यह ऐलान मध्य प्रदेश में पूरा होता नहीं दिख रहा है। मध्य प्रदेश में अपने प्रत्याशी उतारकर नीतीश कुमार ने कांग्रेस की मुश्किलें जरूर बढ़ा दी हैं।
विपक्षी गठबंधन पर भाजपा का तंज
मध्य प्रदेश में जदयू की ओर से पांच उम्मीदवारों की पहली सूची जारी किए जाने के बाद भाजपा ने विपक्षी गठबंधन को लेकर करारा तंज कसा है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक ने कहा कि नीतीश कुमार का धैर्य इसलिए समाप्त हो गया क्योंकि जदयू को विपक्षी गठबंधन के बीच ज्यादा अहमियत नहीं मिल पा रही है।
उन्होंने कहा कि जदयू की विपक्षी महागठबंधन में कोई पूछ नहीं हो रही है और इसी कारण उन्होंने दबाव की रणनीति के तहत मध्य प्रदेश में अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। भाजपा की ओर से दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही विपक्षी दलों का गठबंधन पूरी तरह टूट जाएगा।
जदयू और राजद ने दी सफाई
भाजपा की ओर से तंज कसे जाने के बाद जदयू की ओर से सफाई भी पेश की गई है। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कुमार का कहना है कि संगठन और चुनावी विस्तार के नजरिए से मध्य प्रदेश में पार्टी की ओर से उम्मीदवार उतारे गए हैं। पार्टी मध्य प्रदेश में अपनी ताकत देखना चाहती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मकसद से चुनावी मैदान में उतरने पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
दूसरी ओर राजद की ओर से अलग तर्क दिया गया है। राजद का कहना है कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बनाया गया है और विधानसभा चुनाव में सभी दल अपने-अपने हिसाब से प्रत्याशी उतार रहे हैं। पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को साफ किए जाने का दावा भी किया गया है।
कड़े मुकाबले में भाजपा को होगा फायदा
वैसे जदयू की ओर से मध्य प्रदेश में अभी और उम्मीदवार भी उतारे जा सकते हैं। सपा पहले ही कांग्रेस को बड़ा झटका दे चुकी है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी की इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी दल कांग्रेस को कितना बड़ा सियासी नुकसान पहुंचाते हैं।
वैसे नजदीकी मुकाबले वाली सीटों पर भाजपा को इसका बड़ा सियासी फायदा मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा की जंग माना जा रहा है और ऐसे में विपक्षी दलों का यह कदम कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।