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भारत से डरा पाकिस्तान: सेना ने कर दी इनकी हालत खराब, थे घुसपैठ की फिराक में

नापाक पाकिस्तान अपनी घिनौनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। बॉर्डर पर आतंकियों द्वारा सीजफायर का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। ये आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में है।

Vidushi Mishra
Published on: 17 Jun 2020 1:25 PM IST
भारत से डरा पाकिस्तान: सेना ने कर दी इनकी हालत खराब, थे घुसपैठ की फिराक में
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नई दिल्ली। नापाक पाकिस्तान अपनी घिनौनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। बॉर्डर पर आतंकियों द्वारा सीजफायर का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। ये आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में है। ऐसे में पाकिस्तान की सेना ने उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा के नौगाम सेक्टर में सीजफायर का उल्लंघन किया है। जिसका भारतीय सेना जांबाजों ने मुहंतोड़ जवाब दिया है। वहीं पाकिस्तान के 3 सैनिकों को जवानों ने मौत के घाट उतार दिया है।

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कभी भी फट जाने की आशंका से सहमे हुए

इसके साथ ही कश्मीर के पुंछ जिले में बीते कई महीनों से एलओसी पर कीरनी सेक्टर में लगातार पाकिस्तानी सेना की ओर से की जा रही गोलाबारी से स्थानीय लोगों के घरों को नुकसान पहुंच रही है साथ ही कभी-कभी तो निर्दोष लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ जाती है।

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एलओसी से लगे हुए डोकरी में पाकिस्तानी गोलाबारी के बाद में जगह-जगह बिखरे पड़े गोले ग्रामीणों के लिए खतरा बने हुए हैं। लोग इनके कभी भी फट जाने की आशंका से सहमे हुए हैं।

इसके अलावा बड़ी तादात में पाकिस्तानी गोले लोगों के घरों के आसपास पड़े हैं। जिससे खेतों में काम करने जा रहे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।

गांव में छह से अधिक मोर्टार शेल बिखरे पड़े

इन हालातों में गांव डोकरी के मोहम्मद अकबर, अब्दुल रहीम, मोहम्मद सलीम आदि का कहना है कि तीन चार दिन पहले पाकिस्तानी गोलाबारी में गांव में छह से अधिक मोर्टार शेल बिखरे पड़े हैं। हमने क्षेत्र में तैनात सेना के अधिकारियों से इन्हें निष्क्रिय करने की मांग की।

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तभी भारतीय सेना के पहुंचने तक गांव के लोगों ने इन गोलों के आसपास झाड़ियां रखकर उन्हें चिह्नित कर रखा है जिससे गलती से कोई बच्चा अथवा जानवर उसके आस-पास न जा सके।

वहींं स्थानीय लोगों का कहना है कि शुक्र की बात ये है कि इन दिनों गांव के स्कूल बंद हैं। अगर स्कूल खुले होते तो बच्चे तो इन गोलों की जद में आ सकते थे। क्योंकि दो गोले तो स्कूल के रास्ते में ही पड़े हैं। ऐसे में जिला प्रशासन से हमारी मांग है कि इन गोलों को निष्क्रिय कराने के लिए कोई कदम उठाएं। बाकी इससे ज्यादा हम क्या कर सकते हैं।

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