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चीन नहीं, कोरोना अब बड़ी चिंता

अनलॉक के साथ साथ कोरोना एक बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है। ये बात जग जाहिर है। वजह ये कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकार ने जो अनलॉक किया है

Roshni Khan
Published on: 30 Jun 2020 12:51 PM GMT
चीन नहीं, कोरोना अब बड़ी चिंता
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मोदी का सम्बोधन

लखनऊ: अनलॉक के साथ साथ कोरोना एक बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है। ये बात जग जाहिर है। वजह ये कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकार ने जो अनलॉक किया है उसे आम जनता कोरोना वायरस की समाप्ति समझ रही है। लॉकडाउन के दौरान जिस तरह की सावधानी लोग बरत रहे थे वो सब अब भुला दी गईं हैं। ये चिंता की बात है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज के सम्बोधन का यही संदेश है। वैसे भी लॉकडाउन के बारे में अब सब ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों पर छोड़ दी गई है सो प्रधानमंत्री को इस बारे में कुछ कहना भी नहीं था। लेकिन राज्यों और स्थानीय निकायों से ये तो कह ही दिया कि कोरोना से बचाव के उपायों को सख्ती से लागू करवाना होगा। इन उपायों में मास्किंग, फिजिकल डिस्टेन्सिंग और साफ सफाई शामिल हैं। आम जनता से भी मोदी ने यही अपील की है। अब सिर्फ अपील ही नहीं बल्कि सख्त उपायों के लिए लोगों को तैयार हो जाना चाहिए। मोदी ने आज ही कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की थी।

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सजा का प्रावधान मुमकिन

मोदी ने कहा कि कोई भी कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है। चूंकि उन्होने नियमों को सख्ती से लागू करवाने की बात कही है सो संभव है कि कोरोना से बचाव के लिए मास्किंग, फिजिकल डिस्टेन्सिंग, सफाई आदि के लिए जो भी नियम बनाए गए हैं उनको सख्ती से लागू किया जाए। इसके लिए पेनल्टी और जुर्माने की व्यवस्था और बढ़ाई जा सकती है। मोदी ने कहा भी है कि एक देश के प्रधानमंत्री पर 13000 हजार रुपये का जुर्माना इसलिए लग गया क्योंकि उन्होंने मास्क नहीं पहना था।

बिहार चुनाव पर निगाह

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का विस्तार नवंबर तक करने की बात कही। इसके तहत नवंबर तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा। विश्लेषकों का कहना है कि भले ही ये गरीबों के लिए बड़ी मदद की बात है लेकिन संभवतः बिहार चुनाव और प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों पर मरहम लगाने के उद्देश्य से ये ऐलान किया गया है। इसे विश्लेषक एक राजनीतिक कदम मान रहे हैं।

मिडिल क्लास की चर्चा

प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में मिडिल क्लास की चर्चा की लेकिन सिर्फ उसे धन्यवाद ही दिया। ईमानदार करदाता को शुक्रिया तो दिया लेकिन कोई ठोस घोषणा नहीं की। कोरोना महामारी के आर्थिक प्रभाव से मध्यम वर्ग व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है। सरकारी नौकरी करने वालों को छोड़ दें तो निजी सेक्टर में काम करने वाले, संगठित या संगठित क्षेत्र में काम करने वालों को नुकसान उठाना पड़ा है लेकिन इस वर्ग के लिए कोई मदद की घोषणा नहीं की गई है। पीएम ने सिर्फ आर्थिक गतिविधियों को और आगे बढ़ाने की बात कही है। गरीबों और वंचितों के लिए तो घोषणा की गई लेकिन मध्यम वर्ग खाली हाथ है।

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चीन पर चुप्पी

चीन से सीमा पर चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे थे। एक दिन पहले ही भारत सरकार ने चीन के 59 ऐप्स पर बैन लगा दिया था। लगता था कि चीन के बारे में कोई ऐलान होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। चीन के बारे में प्रधानमंत्री की चुप्पी से यही मायने लगाए जा सकते हैं कि चीन के खिलाफ फिलहाल कोई बहुत बड़ा कदम शायद नहीं उठाया जा सकता है।

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