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NRC-CAA के बाद राशन कार्ड को लेकर मोदी सरकार उठा सकती है बड़ा कदम?
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना जून 2020 से लागू होने वाली है। इस योजना को लेकर कई तरह की खबरें चल रही हैं। खबरों में ये दावा किया जा रहा है कि इस योजना के लिए लोगों को नए राशन कार्ड लेने होंगे।
नई दिल्ली: मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना जून 2020 से लागू होने वाली है। इस योजना को लेकर कई तरह की खबरें चल रही हैं।
खबरों में ये दावा किया जा रहा है कि इस योजना के लिए लोगों को नए राशन कार्ड लेने होंगे। हालांकि अब इस मामले में सरकार की ओर से जवाब आ गया है।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि यह तथ्यहीन बात है। उन्होंने कहा, ''नया राशन कार्ड लेना आवश्यक नहीं है। मौजूदा कार्ड पूरे भारत में मान्य होगा।'' इसका मतलब ये हुआ कि आप अगर देश के किसी दूसरे राज्य में जाते हैं तो एक ही कार्ड पर राशन ले सकेंगे।
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आठ राज्यों में कार्ड की पोर्टबिलिटी शुरू
रामविलास पासवान ने बताया कि लाभार्थी अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) मशीनों पर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा कर सकते हैं। मंत्री ने बताया कि राज्य स्तरीय पोर्टेबिलिटी 12 राज्यों में पूरी तरह और चार में आंशिक रूप से चालू है।
आठ राज्य आपस में एक दूसरे के यहां जारी कार्ड को स्वीकार करने लगे हैं। आठ राज्यों में दो-दो सटे राज्यों के बीच कार्ड की पोर्टबिलिटी शुरू हो चुकी है।
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75 करोड़ लाभार्थियों को शामिल किया गया
इनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान तथा कर्नाटक और केरल शामिल हैं। मध्यप्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा भी पहली जनवरी से इसमें जुड़ जाएंगे।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लगभग 75 करोड़ लाभार्थियों को शामिल किया जा चुका है। लक्ष्य 81.35 करोड़ लोगों को कवर करने का है। बता दें कि सरकार अगले साल 1 जून से देशभर में इस पहल को लागू करने की तैयारी में है।
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