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कौन अपना, कौन पराया! पता लगायेगी महाराष्ट्र सरकार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य गृह मंत्रालय अवैध नागरिकों के लिए हिरासत केंद्र बनाने की तैयारी कर रहा है। महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय ने नवी मुंबई प्लानिंग अथॉरिटी से हिरासत केंद्र बनाने के लिए जमीन देने को कहा है।

Harsh Pandey
Published on: 8 April 2023 5:37 PM GMT (Updated on: 8 April 2023 6:21 PM GMT)
कौन अपना, कौन पराया! पता लगायेगी महाराष्ट्र सरकार
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मुंबई: एनआरसी को लेकर बड़ी खबर आ रही है कि असम में फाइनल एनआरसी जारी होने के बाद अब खबर है कि महाराष्ट्र सरकार भी राज्य में असली नागरिकों की पहचान कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य गृह मंत्रालय अवैध नागरिकों के लिए हिरासत केंद्र बनाने की तैयारी कर रहा है। महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय ने नवी मुंबई प्लानिंग अथॉरिटी से हिरासत केंद्र बनाने के लिए जमीन देने को कहा है।

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सरकार द्वारा उठाये गये इस कदम से अनुमान लगाया जा रहा है कि असम के बाद अब सरकार महाराष्ट्र में भी ऐसे लोगों का पता लगाएगी कि कौन अपने हैं कौन पराये? और उन्हें हिरासत केंद्र में रखा जाएगा।

खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र सिटी एंड इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन विभाग को महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से एक चिट्ठी लिखी है। इसमें नेरुल में दो से तीन एकड़ जमीन देने की बात कही गई है। बता दें कि नेरुल मुंबई से केवल 20 किलोमीटर की दूरी पर है।

NRC के लिए किया था अप्लाई...

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बताते चलें कि असम की एनआरसी सारणी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है, जबकि 19,06,657 लोगों का नाम इसमें नहीं आया है। इनमें वो लोग भी शामिल हैं। जिन्होंने इसके लिए दावा पेश नहीं किया था।

19 लाख लोगों के पास क्या है मौका...

बताया जा रहा है कि जिन 19 लाख से ज्यादा लोगों को एनआरसी से बाहर किया गया है। लेकिन उनके लिए अभी भी एक मौका है, इन लोगों के पास इसके खिलाफ अपील करने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं।

सुप्रीम कोर्ट का भी रास्ता...

ऐसे लोग सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट से लेकर फॉरेनर्स ट्रिब्युनल का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसे लोग एनआरसी में जगह न मिलने को लेकर अपील कर सकते हैं। इतना ही नहीं सभी कानूनी विकल्प आज़माने की प्रक्रिया में सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है।

असम की सरकार ने कहा...

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असम की बीजेपी सरकार ने साफ कहा है कि जिन लोगों का नाम एनआरसी की लिस्ट में है, उन्हें तभी बाहर किया जायेगा, जबतक कि विदेशी ट्रिब्यूनल उन्हें अवैध आप्रवासी घोषित नहीं कर देते हैं।

असम के सीएम ने कहा...

असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि जिनका नाम लिस्ट में नहीं है, राज्य सरकार ऐसे लोगों को सभी जरूरी मदद मुहैया कराएगी।

सरकार ने बनाई 400 ट्रिब्यूनल...

खबर है कि गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआरसी विवादों के निपटारे के लिए 400 ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है। जिन लोगों का एनआरसी लिस्ट में नाम नहीं है वह शेड्यूल ऑफ सिटिज़नशिप के सेक्शन 8 के मुताबिक अपील कर सकते हैं।

बता दें कि इसकी समयसीमा पहले 60 दिन की थी। जिसे बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है। अब इसकी आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2019 हो गई है।

Harsh Pandey

Harsh Pandey

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