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अमेरिका के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री से मिले NSA अजीत डोभाल, इन मुद्दों पर हुई बात

अजीत डोभाल जब अमेरिकी प्रतिनिधियों से मिल रहे थे तो उन्होंने कोरोना संक्रमण को देखते हुए अलग तरीके से उन दोनों का वेलकम किया। अजीत डोभाल और अमेरिका विदेश और रक्षा मंत्री ने हैंड शेक करने से परहेज किया।

Newstrack
Published on: 27 Oct 2020 8:12 AM GMT
अमेरिका के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री से मिले NSA अजीत डोभाल, इन मुद्दों पर हुई बात
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दोनों तरफ से साझा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और सभी डोमेन में क्षमताओं का निर्माण करने की आवश्यकता पर बल दिया गया, जिससे कि एक सुरक्षित, स्थिर और नियम-आधारित क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा वातावरण तैयार हो सके।

नई दिल्ली: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क ग्रैफ दो दिनों के भारत दौरे पर दिल्ली आये हुए हैं। 2+2 नीति के तहत भारत के साथ उनकी वार्ता है।

सोमवार को उन्होंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। उनके साथ काफी देर तक मीटिंग चली थी।

इस दौरान दोनों देशों के बीच BECA पर करार हुआ। इसी कड़ी में आज उन दोनों की मुलाकात भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से साउथ ब्लॉक के अंदर हुई।

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Rajnath Singh And S jaishankar रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर की फोटो(सोशल मीडिया)

रणनीतिक महत्व के मुद्दों और चुनौतियों पर हुईं बात

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क ग्रैफ के साथ अजीत डोभाल ने काफी देर तक मीटिंग की। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने रचनात्मक बैठक की और रणनीतिक महत्व के मुद्दों और चुनौतियों पर बात की।

इस दौरान दोनों तरफ से साझा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और सभी डोमेन में क्षमताओं का निर्माण करने की आवश्यकता पर बल दिया गया, जिससे कि एक सुरक्षित, स्थिर और नियम-आधारित क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा वातावरण तैयार हो सके।

अजीत डोभाल जब अमेरिकी प्रतिनिधियों से मिल रहे थे तो उन्होंने कोरोना संक्रमण को देखते हुए अलग तरीके से उन दोनों का वेलकम किया। अजीत डोभाल और अमेरिका विदेश और रक्षा मंत्री ने हैंड शेक करने से परहेज किया।

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Rajnath Singh रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की फोटो(सोशल मीडिया)

क्या है ये 2+2 वार्ता?

बता दें कि किसी भी दो देशों के शीर्ष दो मंत्रियों के बीच होने वाली वार्ता टू प्लस टू वार्ता के नाम से जानी जाती हैं। इसकी शुरूआत सबसे पहले जापान ने की थी।

बाद में दुनिया भर के कई बड़े मुल्कों ने बातचीत का यह तरीका अपने यहां अजमाया। आमतौर पर इस तरह की बातचीत का उद्देश्य केवल और केवल देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए उच्च स्तरीय राजनयिक और राजनीतिक बातचीत को सुविधाजनक बनाना है।

मालूम हो कि पहली बार भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता की घोषणा 2017 में की गई थी। ये उस वक्त की बात है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार एक दूसरे से मुलाकात की थी। सितंबर 2018 में भारत-अमेरिका के बीच पहली 2+2 मीटिंग हुई जबकि दिसंबर 2019 में दूसरी बार ये बैठक हुई थी।

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