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Odisha Train Accident: हादसे में मरने वालों के सड़ रहे शव, आखिर क्यों अब तक नहीं हुई कार्यवाही

Odisha Train Accident: भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय संस्थान में अभी बहुत सारे लावारिश शव रखे हुए हैं। ऐसे शवों के अंतिम संस्कार को लेकर एम्स और ओडिशा सरकार दुविधा में फंसी हुई है। एम्स अधिकारियों का कहना है कि कुछ शव ऐसे हैं जो क्षत विक्षत हैं जिनकों ज्यादा लंबे समय तक नहीं रोका जा सकता है।

Jugul Kishor
Published on: 12 Jun 2023 2:29 PM IST (Updated on: 12 Jun 2023 2:29 PM IST)
Odisha Train Accident: हादसे में मरने वालों के सड़ रहे शव, आखिर क्यों अब तक नहीं हुई कार्यवाही
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Odisha Train Accident (Social Media)

Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे के ग्यारह दिन गुजर गए हैं। इस हादसे में 278 लोगों की मौत हुई थी। इनमें में बहुत सारे शव ऐसे हैं जिनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय संस्थान (एम्स) में अभी बहुत सारे लावारिश शव रखे हुए हैं। ऐसे शवों के अंतिम संस्कार को लेकर एम्स और ओडिशा सरकार दुविधा में फंसी हुई है। एम्स अधिकारियों का कहना है कि कुछ शव ऐसे हैं जो क्षत विक्षत हैं जिनकों ज्यादा लंबे समय तक नहीं रोका जा सकता है। शव सड़ने लगे हैं।

एम्स के अस्थाई कंटेनरों में रखे शव

शव वर्तमान में भुवनेश्वर स्थित एम्स के परिसर में अस्थायी कंटेनरों में रखे गए हैं। मृतकों के परिजन शव ले जाने के लिए इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, डीएनए मैचिंग के लिए ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं। डीएनए मैचिंग के बाद ही लोगों को शव सौंपे जा रहे हैं। ऐसे में शवों की हालत बिगड़ती जा रही है। शवों पर लेप लगाया जा रहा है। लेकिन, अब वह लेप भी काम नहीं कर रहा है। शवों से सड़ने की बदबू आने लगी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा सरकार ने शवों के सामूहिक दाह संस्कार को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। जबकि सूत्रों का कहना है कि सामूहिक दाह संस्कार जैसा फैसला राज्य सरकार एम्स से सलाह लेने के बाद में ही ले सकती है।

81शवों की शिनाख्त होना बाकी

भुवनेश्वर एम्स अधीक्षक डॉक्टर डीके परिडा ने कहा कि अभी 81 शव ऐसे हैं जिनकी शिनाख्त नहीं पाई है। लेकिन 75 लोगों ने शवों को लेकर दावा किया है ये शव उनके परिजनों के हैं। एम्स अधीक्षक ने कहा एक ही शव को लेकर कई परिवार दावा कर रहे हैं। इसलिए परिजनों के डीएन मिलान के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। डीएनए की सैंपल रिपोर्ट आने में समय लग रहा है।

शवों का शोध में किया जा सकता है प्रयोग!

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यदि सरकार शवों के अंतिम संस्कार पर कोई निर्णय नहीं लेती है तो इन शवों को शोध के लिए प्रयोग किया जा सकता है। जैसे की शोध के लिए शवों को चिकित्सा संस्थानों को दान किया जा सकता है। सरकारी आंकड़ो के मुताबिक 278 लोगों की मौत हुई थी। उनमें से सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के 102, ओडिशा के 39, बिहार के 55 झारखंड के 9 और आंध्र प्रदेश और नेपाल के एक एक यात्री मारे गए हैं। वहीं, 81 शवों की पहचान होना बाकी है।

Jugul Kishor

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