×

मजदूरों से टिकट के पैसे लेने पर अखिलेश ने सरकार से पूछा, कहां गए पीएम केयर फंड के रुपए?

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र व प्रदेश सरकार को घेरतेहुए कहा है कि ट्रेन से वापस घर लाए जा रहे मजदूरों से पैसे लिए जाना बेहद शर्मनाक है।

Ashiki
Published on: 3 May 2020 3:05 PM GMT
मजदूरों से टिकट के पैसे लेने पर अखिलेश ने सरकार से पूछा, कहां गए पीएम केयर फंड के रुपए?
X

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र व प्रदेश सरकार को घेरतेहुए कहा है कि ट्रेन से वापस घर लाए जा रहे मजदूरों से पैसे लिए जाना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने पीएमकेयर फंड पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर गरीबों से ही पैसे लेने थे तो फंड मेंजो खरबों रुपया डलवाया गया है, उसका क्या होगा? सपा अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि अब तो भाजपा के आहत समर्थक भी ये सोच रहे हैं कि अगर समाज के सबसे गरीब तबके से भी घर भेजने के लिए सरकार पैसे वसूल करती है तोइससे ज्यादा शर्मनाक और क्या होगा?

ये भी पढ़ें:केजरीवाल बोले- संकट में है अर्थव्यवस्था, लॉकडाउन में नहीं रह पाएंगे ज्यादा समय तक

इससे साफ हो गया है कि पूंजीपतियों का अरबों रुपए कर्ज माफ करने वाली भाजपा अमीरों के साथ है और गरीबों खिलाफ। विपत्ति के समय शोषण करना सूदखोरों का काम होता है। उन्होंने कहा कि जब जरूरतमंद और बेबस आदमी की जिंदगी आफत में हो तो सरकारी खजाने में जमा धनराशि किस काम की है। पीएम केयर्स फण्ड पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इसमेंजो खरबों रुपया तमाम दबाव और भावनात्मक अपील करके डलवाया गया है, उसका क्याहोगा? उन्होंने कहा कि अब तो आरोग्य सेतु ऐप से भी इस फण्ड में 100 रुपए वसूलनेकी खबर है।सपामुखिया ने कहा कि भाजपा सरकार गरीबों के लिए सिर्फ दिखावे के इंतजामों काब्यौरा दे रही है, लोगों की जानें लगातार जा रही है।

ये भी पढ़ें: UFO के बाद अमेरिका के आसमान में दिखा अद्भुत नजारा, लोगों में फैली दहशत

यूपी के विभिन्न क्वारंटाइनसेंटरों से बदइंतजामी की खबरें आ रही हैं। कहीं इसके खिलाफ भूख हड़ताल परबैठी महिलाओं को शासन-प्रशासन की धमकी मिली, कहीं खाने-पीने के सामानकी कमी की शिकायत के बदले व्यवस्था को सुधारने का थोथा आश्वासन मिल रहा है। इसका क्या औचित्य है। उन्होंने कहा किक्वारंटीन यातना शिविर है। 14 दिन के क्वारंटीन में न इलाज का प्रबंध है और नभोजन की व्यवस्था। अखिलेश ने कहा कि गरीब, बेबस कामगारों का कसूर क्या है? ये लाखों की संख्या में यूपी के बाहर रोजगार के लिए जाते है अब तो अपना राज्य भीउनके साथ बेगानों जैसा व्यवहार क्यों कर रहा है।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवात्सव

ये भी पढ़ें: कल से खुलेगी मॉडल शॉप, बिना मास्क के नहीं मिलेगी शराब, देखें तस्वीरें

लॉकडाउन के दौरान जनऔषधि केन्द्रों का रिकॉर्ड 52 करोड़ रुपये का बिक्री टर्नओवर

Ashiki

Ashiki

Next Story