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Online Betting: ऑनलाइन बेटिंग, इसके खिलाफ कोई कानून भी नहीं; जानिए किस राज्य में क्या है नियम?
Online Betting: सट्टेबाजी भले गैरकानूनी हो लेकिन ऑनलाइन बेटिंग चालू है, ढेरों ऐप हैं, साइटें हैं। इसी सबके बीच महादेव ऐप काफी चर्चा में है। आरोप है कि इस ऐप को चलाने वाले प्रोमोटर धोखाधड़ी करते थे और ऐप के यूजर पैसा गंवा कर ही जाते थे।
भारत में सट्टेबाजी ऑनलाइन ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ कोई संघीय कानून बेटिंग महादेव ऐप: Photo- Social Media
Online Betting: भारत में सट्टेबाजी भले गैरकानूनी हो लेकिन ऑनलाइन बेटिंग चालू है, ढेरों ऐप हैं, साइटें हैं। इसी सबके बीच महादेव ऐप काफी चर्चा में है। आरोप है कि इस ऐप को चलाने वाले प्रोमोटर धोखाधड़ी करते थे और ऐप के यूजर पैसा गंवा कर ही जाते थे। ऐसे ही कुछ यूजर्स की शिकायत पर महादेव ऐप के संचालक पुलिस और ईडी के घेरे में हैं।
भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी
दरअसल, भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ कोई संघीय कानून नहीं हैं। हर राज्य ये निर्णय ले सकता है कि क्या वे ऑनलाइन सट्टेबाजी पर कानून लागू करना चाहते हैं। और अब तक, भारत में केवल कुछ ही राज्यों ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ कानून बनाया है। इसका मतलब है कि कुछ राज्यों को छोड़कर, भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी कानूनी है।
वेबसाइट 'माई बेटिंग डॉट इन" के मुताबिक भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी साइटों के उपयोग से संबंधित कानूनी स्थिति निश्चित रूप से अस्पष्ट है। 1867 का सार्वजनिक गेमिंग अधिनियम ऑनलाइन सट्टेबाजी का कोई संदर्भ नहीं देता है। भारत में जुआ पहली बार औपनिवेशिक काल के दौरान 1867 के सार्वजनिक जुआ अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया था। इस कानून ने पूरे भारत में जुआ सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ सार्वजनिक जुआ सुविधा का दौरा करना और उसका उपयोग करना अवैध बना दिया। लेकिन पचासों साल बाद इंटरनेट आने के बाद भी कानून अपडेट/अपग्रेड नहीं किये गए। अब जा कर केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त टास्क फोर्स ने ऑनलाइन गेमिंग और डिजिटल जुए को विनियमित करने के लिए एक नए राष्ट्रव्यापी कानून की सिफारिश की है।
Mahadev App: Photo- Social Media
बेटिंग और स्किल
एक तरफ बेटिंग यानी शर्त वाले ऐप हैं तो दूसरी ओर ड्रीम 11 जैसे "स्किल" ऐप हैं। देश के गैम्बलिंग कानून की धारा 12 कहती है कि जुए पर सज़ा "केवल कौशल के किसी भी खेल" पर लागू नहीं होंगे। यानी मुख्य अंतर ये है कि कानून के तहत, जिस गेमिंग की अनुमति है उसमें कौशल शामिल है और जुए को मौके की दया पर छोड़ दिया गया है।
Dream 11: Photo- Social Media
ताज़ा मामला
इसी साल 16 नवंबर को मद्रास उच्च न्यायालय ने ऑनलाइन गेमिंग और ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने वाले तमिलनाडु राज्य के अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं का एक बैच वापस कर दिया, जब राज्य सरकार ने कहा कि अध्यादेश अभी तक लागू नहीं हुआ है। हुआ ये था कि तमिलनाडु राज्य सरकार ने पोकर और रम्मी सहित ऑनलाइन जुए और गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए क्रमशः 26 सितंबर और 19 अक्टूबर को राज्य विधानसभा में एक अध्यादेश और बाद में एक विधेयक पारित किया। यह तमिलनाडु को जुआ कानून पारित करने वाले भारत के कुछ ही राज्यों में से एक बना है।
मद्रास उच्च न्यायालय: Photo- Social Media
तमिलनाडु सरकार ने नए कानून के प्राथमिक कारणों के रूप में पिछले कुछ वर्षों में जुए से संबंधित आत्महत्याओं की घटनाओं के साथ-साथ न्यायमूर्ति चंद्रू समिति के निष्कर्षों का हवाला दिया। किन राज्यों में ऑनलाइन गेमिंग कानून हैं?
दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने कुछ संशोधनों के साथ सार्वजनिक जुआ अधिनियम को अपनाया है। हालाँकि, गोवा, सिक्किम, दमन, मेघालय और नागालैंड जैसे अन्य राज्यों ने अपने अधिकार क्षेत्र में सार्वजनिक जुए को रेगुलेट करने के लिए विशिष्ट कानूनों का मसौदा तैयार किया है। लेकिन इन सभी राज्यों में ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए कानून नहीं हैं।
- स्किल खेलों सहित सभी ऑनलाइन खेलों पर प्रतिबंध लगाने वाले समान कानून केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में पारित किए गए थे। स्किल के खेलों को छूट देने के लिए केरल और तमिलनाडु में कानूनों को अदालतों में चुनौती दी गई और आदेश पलट दिया गया।