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बड़ी खुशखबरी: इस महीने भारत में आएगी कोरोना वैक्सीन, सिर्फ इतनी होगी कीमत
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला ने कहा है कि सब कुछ इसपर निर्भर करता है कि ट्रायल के अंतिम परिणाम क्या रहते हैं और नियामक संस्था क्या निर्णय लेती है। वैसे अभी तक वैक्सीन के नतीजे अच्छे रहे हैं।
नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन का लंबा इंतजार अब जल्द खत्म होने वाला है। ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का एस्ट्रेजेनिका के साथ मिलकर भारत में ट्रायल कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि ये वैक्सीन भारत में लोगों को अप्रैल 2021 तक मिलने लगेगी। इस वैक्सीन की एक खुराक की कीमत 500 से 600 रुपये के बीच होगी। अच्छी बात ये है कि वैक्सीन बुजुर्गों और स्वास्थ्य कर्मियों को फरवरी से ही मिलने लगेगी। सभी लोगों को वैक्सीन की दो खुराक लेनी पड़ेगी।
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सब कुछ फाइनल रिजल्ट पर निर्भर
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला ने कहा है कि सब कुछ इसपर निर्भर करता है कि ट्रायल के अंतिम परिणाम क्या रहते हैं और नियामक संस्था क्या निर्णय लेती है। वैसे अभी तक वैक्सीन के नतीजे अच्छे रहे हैं।
पूनावाला ने उम्मीद जताई है कि हर भारतीय को संभवतः 2024 तक कोरोना की वैक्सीन लग जायेगी। पूनावाला ने कहा है कि 2021 की पहली तिमाही में ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन की करीब 30 से 40 करोड़ खुराक उपलब्ध हो जाएगी। भारत सरकार को ये 250 - 300 रुपये की दर पर दी जाएगी।
corona (Photo by social media)
फाइजर और मॉडर्ना भी तैयार
अमेरिका की मॉडर्ना और फाइजर-बायोटेक ने घोषणा की है कि बड़े पैमाने पर किए गए तीसरे चरण के परीक्षण के दौरान नतीजे सफल रहे हैं।इनकी वैक्सीन क्रिसमस तक आ सकती है। वैसे अभी करीब 10 ऐसी वैक्सीन हैं जिनका अंतिम परीक्षण किया जा रहा है। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के बेंचमार्क के तहत मंजूरी के लिए 50 फीसदी कारगर होना जरूरी होता है, ऐसे में दोनों को मंजूरी मिलना तय है।
अब तक ट्रायल के दौरान सुरक्षा को लेकर कोई चिंता सामने नहीं आई है और दोनों ही कंपनियों की तरफ से आपतकालीन मंजूरी की मांग की जाएगी। अमेरिका ने दोनों से ही 10 करोड़ वैक्सीन के ऑर्डर दे दिए हैं। फाइजर कनाडा, यूके और जापाना के अलावा यूरोपीय संघ को 30 करोड़ वैक्सीन की आपूर्ति करने पर राजी हो गया है।
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भारत के लिए एक चुनौती
भारत की बात करें तो फाइजर की वैक्सीन को यहां पर स्टोरेज करने में सबसे बड़ी कठिनाई आएगी। फाइजर की वैक्सीन को माइनस 80 डिग्री तापमान पर स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट करना होगा। इसे सिर्फ 5 दिन तक रेफिजरेटर के तापमान में रखा जा सकता है। तीन हफ्ते के अंतर पर इसकी दूसरी खुराक लेनी होगी। वहीं मॉडर्ना वैक्सीन के स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन में माइनस 20 डिग्री तापमान चाहिए जबकि 30 दिनों तक इसे रेफ्रिजरेटर के तापमान में रखा जा सकता है। 12 घंटे तक इसे घर के तापमान में भी रखा जा सकता है।
रिपोर्ट- नीलमणि लाल
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