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पाकिस्तान कांप उठा: खतरे में आए सभी विमान, अब कैसे बचा पाएगा
देश की भारतीय वायुसेना में जिस दिन से राफेल जेट शामिल हुआ है, उस दिन से पाकिस्तान समेत चीन की भी चिंताएं बढ़ गई हैं।
नई दिल्ली। देश की भारतीय वायुसेना में जिस दिन से राफेल जेट शामिल हुआ है, उस दिन से पाकिस्तान समेत चीन की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। बता दें, कि राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की ताकत में कई गुना ज्यादा बढ़ोत्तरी हो गई है। BVRAAM (विजुअल रेंज से बाहर) मीटिअर मिसाइल के साथ राफेल को एशिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान कहा जा सकता है।
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दुनिया से गुहार भी लगाई
ऐसे में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि भारत के परमाणु हमला करने में सक्षम राफेल को खरीदना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अपनी सुरक्षा जरूरतों के दायरे से बाहर जाकर सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है।
साथ ही पाकिस्तान ने दुनिया से गुहार भी लगाई थी कि वह भारत को हथियार क्षमता बढ़ाने से रोके। पाकिस्तान की ये चिंता बिल्कुल जायज है क्योंकि अब उसका लड़ाकू विमान का पूरा आलम ही खतरे में पड़ गया है।
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भारतीय लड़ाकू विमानों
पाकिस्तान एफ-16 का AMRAAM (एडवांस मीडियम रेंज एयर टु एयर मिसाइल) भारत के लिए लंबे समय से चुनौतियों का जंजाल बना हुआ था। पाकिस्तान के पास शुरुआती मॉडल AIM-120A/B था जिसकी रेंज 75 किमी थी लेकिन बाद में उसने 100 किमी रेंज वाली AIM-120C-5 मिसाइल को खरीद लिया।
इसकी सहायता से पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भारतीय जेट को बिना स्पॉट किए ही उस पर हमला कर पाने में कामयाब हो पाए थे। वही भारतीय लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान के एफ-16 को टारगेट करने के बजाय मिसाइलों से बचना पड़ा।
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सीधा खतरा पैदा करता
इस पर विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान केवल राफेल लड़ाकू विमान की वजह से डरा हुआ नहीं है। बल्कि इसलिए कि मीटिअर मिसाइल उसके AMRAAM से कई गुना बेहतर है और उसके एफ-16 विमान के लिए सीधा खतरा पैदा करता है।
सालों तक पाकिस्तान अपने एफ-16 विमान के बारे में शेखी बघारता रहा है लेकिन अब राफेल ने सारा गेम पलट दिया है। राफेल भारतीय वायुसेना के 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे जिन्हें गोल्डन एरोज के नाम से जाना जाएगा। 2021 के अंत तक भारत को बाकी राफेल विमान मिलने की संभावना जताई जा रही है।
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