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पकौड़े वाले को करोड़ों का नोटिस: अब क्या करेंगे बेचारे

बता दें कि दोनों कंपनियां पानीपत में रजिस्टर हैं और इस पूरे फर्जीवाड़े की एफआईआर भी पानीपत में दर्ज है। लेकिन, असली गड़बड़झाला करने वालों पर अभी तक न तो पानीपत पुलिस शिकंजा कस पाई है और न ही इनकम टैक्स वालों ने कार्रवाई की है।

Shivakant Shukla
Published on: 17 Feb 2020 10:10 AM GMT
पकौड़े वाले को करोड़ों का नोटिस: अब क्या करेंगे बेचारे
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नई दिल्ली: सोचिये अगर 300 रुपय कमाने वाले एक मामूली शख़्स को 9करोड़ रुपय का टैक्स भरने का नोटिस मिल जाये तो उसका क्या हाल होगा? ये ही हुआ है करनाल जिले के पकौड़े बेचने वाले और सब्जी बेचने वाले मामूली शख्सों के साथ, इनकम टैक्स विभाग ने उस शख़्स को 9करोड़ रुपय का टैक्स भरने का नोटिस भेजा है। जिसके बाद रेहड़ी लगाने वाले बलविंदर और सुभाष सेठी की रातों की नींद उड़ गई है।

फर्जी कंपनी का मामला...

दरअसल, यह पूरा मामला GST लागू होने के साथ वर्ष 2017 में शुरू हुआ था, जब बहुत से लोगों ने फर्जी कंपनियां बनाकर टैक्स चोरी करने की कोशिश की थी। फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने किसी और के नाम पर कंपनी खोल दी, ताकि GST में फर्जीवाड़ा किया जा सके। ऐसा ही एक मामला करनाल जिले में देखने को मिला है। एक फर्जीवाड़ा के चलते कागजों में बलविंदर श्री साईं ओवरसीज कंपनी और श्री बाला जी इंटरप्राइजेज कंपनियों के मालिक हैं, जिनका टर्नओवर करोड़ों में है। लेकिन वास्तव में यह रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं।

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पहले भी मिल चुकी है नोटिस....

सब्जी बेचकर 400 रुपय कमाने वाले पीड़ित सुभाष सेठी ने बताया कि वर्ष 2017 में अर्जुन गेट स्थित उनके घर के पड़ोस में रहने वाले महिंद्र बहल ने लोन दिलाने के नाम पर उनकी और उनके दामाद बलविंदर की आईडी ली थी। जिसका उसने गलत इस्तेमाल करते हुए जीएसटी में फर्जी फर्म रजिस्टर्ड करा दी। सेठी ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी तब हुई जब इनकम टैक्स विभाग की ओर से पिछले साल फरवरी में उन्हें टैक्स रिकवरी का नोटिस भेजा गया।

पानीपत में रजिस्टर हैं कंपनियाँ....

बता दें कि दोनों कंपनियां पानीपत में रजिस्टर हैं और इस पूरे फर्जीवाड़े की एफआईआर भी पानीपत में दर्ज है। लेकिन, असली गड़बड़झाला करने वालों पर अभी तक न तो पानीपत पुलिस शिकंजा कस पाई है और न ही इनकम टैक्स वालों ने कार्रवाई की है।

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नहीं हो रहा कोई समाधान....

सुभाष ने बताया कि इस मामले को लेकर वह कई बार अधिकारियों के भी चक्कर काट चुके हैं। लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हुई. यह भी बता चुके हैं कि उनके साथ धोखा हुआ है। अब फिर विभाग की ओर से रिकवरी के नोटिस भेजे गए हैं। बलविंदर का कहना है कि उनकी इस समस्या का समाधान करने वाला कोई नहीं है।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

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