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पालघर मॉब लिंचिंगः गहरी साजिश के संकेत, पकड़े गए लोगों में एक वर्ग का कोई नहीं
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ये स्पष्ट किया है कि पालघर में हुई घटना में गिरफ्तार लोगों में से कोई भी मुस्लिम समुदाय का शामिल नहीं है।
पालघर: महाराष्ट्र के पालघर में संतों की हुई निर्मम हत्या से पूरे देश में आक्रोश का माहोल है। साधुओं की हुई हत्या के बाद से पुलिस प्रसाशन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं और साधुओं को न्याय देने की मांग की जा रही है। इस बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ये स्पष्ट किया है कि पालघर में हुई घटना में गिरफ्तार लोगों में से कोई भी मुस्लिम समुदाय का शामिल नहीं है।
कुछ लोगों ने इस मामले को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की
घटना के संबंध में एक वायरल वीडियो पर गृहमंत्री ने कहा कि वीडियो में एक आवाज सुनाई देते हैं ‘ओए बस’ की और लोगों ने इसे शोएब बस बता कर वायरल कर दिया। उन्होंने कहा कि सभी राज्य कोरोना की महामारी से लड़ रहे हैं और कुछ लोगों ने इस मामले को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की।
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पालघर की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण- अनिल देशमुख
उन्होंने ने ट्वीट करते हुए कहा कि पालघर की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मामले में 101 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उच्च स्तरीय जांच जारी है। जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है, कुछ लोग इस घटना को गलत मोड़ देने की कोशिश कर रहे हैं, जो सही नहीं है। साथ ही उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे अफवाहों के लिए न आएं और विश्वसनीय स्रोतों से तथ्यों का सत्यापन करें।
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जारी की गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची
इस मामले में गिरफ्तार हुए 101 लोगों की लिस्ट जारी करते हुए राज्य गृहमंत्री ने लिखा कि पालघर की घटना में पुलिस हिरासत हुए १०१ लोगों की सूची यहाँ सांझा की जा रही है। जो विघ्नसंतोषी इस घटना को धार्मिक रंग देने की पूरी कोशिश कर रहे थे, वह इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें...
वहीं इससे पहले सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया था कि, पालघर घटना की कार्रवाई की गई है, जिन्होंने 2 साधुओं, एक ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर हमला किया था, उन सभी को घटना के ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दंड दिया जाएगा।
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क्या है पूरा मामला?
पालघर के गड़चिनचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी ,भीड़ ने जिस निर्मम तरीके से निहत्थे गेरुआधारी बुजुर्गों और उनके साथ जा रहे ड्राइवर की हत्या की वो पूरे देश को शर्मसार करने वाली है। भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्सवरी पूर्व स्थित हनुमान मंदिर के हैं। दरअसल ये साधु मुंबई से सूरत अपने गुरू के अंतिम संस्कार में जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से रोक दिया। फिर इको कार में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए, जहां मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए।
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