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परमबीर सिंह का 100 करोड़ वाला पत्रः लिखा है बहुत कुछ, ये सबूत भी आए सामने
परमबीर सिंह ने जो पत्र लिखा उसपर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किये थे सो सीएम उद्धव ठाकरे के कार्यालय ने इस पर संदेह जताया। अब परमबीर सिंह ने इसस बात की पुष्टि की कि यह पत्र उन्होंने ही लिखा है और वो जल्द ही पत्र की हस्ताक्षर वाली कॉपी भी भेजेंगे।
लखनऊ: मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी गाड़ी मिलने के मामले की जांच के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने मुम्बई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को पद से हटा कर होम गार्ड महकमे में भेज दिया था। इसके दो दिन बाद यानी कल उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य दिया था। इसके अलावा देशमुख पुलिसकर्मियों को घर बुलाकर मामलों की जांच विशेष दिशा में ले जाने को कहते थे। वाजे को एनआईए ने गिरफ्तार किया हुआ है।
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परमबीर सिंह ने जो पत्र लिखा उसपर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किये थे सो सीएम उद्धव ठाकरे के कार्यालय ने इस पर संदेह जताया। अब परमबीर सिंह ने इसस बात की पुष्टि की कि यह पत्र उन्होंने ही लिखा है और वो जल्द ही पत्र की हस्ताक्षर वाली कॉपी भी भेजेंगे।
8 पेज का ये पत्र इस प्रकार है -
स्थानांतरण का कारण जो सरकार द्वार नोट किया गया है
- मेरा स्थानांतरण महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 की धारा 22 एन (2) के तहत किया गया था। जिसमें कारण बताया गया है कि मेरे स्थानांतरण की आवश्यकता प्रशासनिक अनिवार्यता थी। मेरा मानना है कि स्थानांतरण का कारण जो सरकार द्वार नोट किया गया है उसमें एंटीलिया की घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना है।
मेरी गलतियां क्षमा के लायक नहीं थी
- गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ‘लोकमत’ को दिए साक्षात्कार जिसे 18 मार्च 2021 को बड़े पैमाने पर रिपोर्ट की गई, जिसमें कहा गया था:- मुंबई पुलिस और मेरे द्वारा एंटीलिया घटना की जांच में गंभीर खामियां थीं। मेरी गलतियां क्षमा के लायक नहीं थी; और मेरा स्थानांतरण प्रशासनिक आधार पर नहीं हुआ है।
मुंबई में लगभग 1,750 बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठान हैं
- अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को कई बार घर पर मिलने के लिए बुलाया था। गृह मंत्री ने वाजे को फंड का जुगाड़ करने के लिए भी कहा था। इतना ही नहीं वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का भी लक्ष्य दिया था। गृह मंत्री ने वाजे को बताया था कि मुंबई में लगभग 1,750 बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठान हैं। प्रत्येक से हर महीने 2-3 लाख अगर लिए जाएं तो 40-50 करोड़ का जुगाड़ हो जाएगा। गृह मंत्री ने कहा था कि बाकी बची रकम अन्य स्रोतों से बनाया जा सकता है।
परमबीर सिंह ने अपने इस पत्र में वसूली को लेकर एसपी पाटील नाम के एक पुलिस अधिकारी के साथ हुए उनके बातचीत का जिक्र भी किया है। परमबीर सिंह और एसपी पाटील के बीच 16 और 19 मार्च के बीच बातचीत हुई थी।
परमबीर सिंह- पाटील, गृह मंत्री और पलांडे ने कितने बार और रेस्टॉरेंट और कितने रुपयों का टारगेट देने को कहा है?
परमबीर सिंह- अर्जेंट प्लीज
एसीपी पाटील- 1,750 बार और रेस्टोरेंट्स। प्रत्येक से तीन लाख रुपये। टोटल कलेक्शन लगभग 50 करोड़ रुपये। पलांडे और मेरे साथ भुजबल थे, तब उन्होंने यह इच्छा जताई।
परमबीर सिंह- आप पलांडे से कब मिले?
एसीपी पाटील- 4 मार्च को मिला।
परमबीर सिंह- आप गृहमंत्री से कब मिले?
एसीपी पाटील - पलांडे से जब मिला उससे 4 दिन पहले। हुक्का पार्लर को लेकर बैठक हुई.
परमबीर सिंह- वाजे और गृहमंत्री के बीच मीटिंग कब हुई?
एसीपी पाटील - वाजे और गृहमंत्री के बीच कब भेंट हुई, वो अभी याद नहीं।
परमबीर सिंह- तुमने कहा था कि तुम्हारी मुलाकात से कुछ दिनों पहले ही यह भेंट हुई थी।
एसीपी पाटील - हां सर, शायद फरवरी के आखिर में।
परमबीर सिंह- पाटील, मुझे और भी कुछ जानकारियां चाहिए। गृहमंत्री से मिलने के बाद वाजे आपसे मिले थे क्या?
एसीपी पाटील - हां सर, वाजे मुझसे मिले थे।
परमबीर सिंह- गृहमंत्री ने उनसे क्या बात की यह वाजे ने आपको बताया क्या ?
एसीपी पाटील - गृहमंत्री ने 1750 बार-रेस्टॉरेंट में से प्रत्येक से 3 लाख रुपये यानी कुल 40-50 करोड़ की वसूली का टारगेट दिया है, ऐसा वाजे ने कहा।
परमबीर सिंह- अच्छा, क्या गृह मंत्री ने आपसे भी यही कहा था।
एसीपी पाटील- 4 मार्च को उनके पीए संजीव पलांडे ने मुझसे ये कहा था।
नगर हवेली से सांसद 58 वर्षीय डेलकर का शव दक्षिणी मुंबई के मरीन ड्राइव के एक होटल में मिला था
चिट्टी में परमबीर सिंह ने दादरा नगर हवेली के सांसद मोहन भाई सांजीभाई डेलकर की 22 फरवरी को हुई मौत की जांच को लेकर भी गृह मंत्री पर सवाल खड़े किए। नगर हवेली से सांसद 58 वर्षीय डेलकर का शव दक्षिणी मुंबई के मरीन ड्राइव के एक होटल में मिला था। मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में आत्महत्या के मामले एडीआर नंबर 5 /21 में दर्ज किया गया था। इसकी जांच मरीन ड्राइव पुलिस द्वारा अच्छे से की जा रही थी, लेकिन माननीय मंत्री ने इस मामले को एसआईटी को सौंप दिया। इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने वाले एंगल की जांच दादरा नगर हवेली पुलिस को सौंपे जाने की बात मैंने कही थी लेकिन अनिल देशमुख इस मामले का राजनीतिक फायदा उठाना चाहते थे।
परमबीर सिंह ने गृह मंत्री पर पुलिस के काम में हस्तक्षेप देने का भी आरोप लगाया
परमबीर सिंह ने गृह मंत्री पर पुलिस के काम में हस्तक्षेप देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा मुंबई पुलिस आयुक्त के रूप में पिछले एक वर्ष का जो अनुभव रहा है उसके आधार पर पर मैं कह रहा हूं कि गृह मंत्री ने कई मौकों पर मुंबई पुलिस के कई अधिकारियों को, पुलिस जांच में कार्रवाई के एक विशिष्ट तरीके को अपनाने के निर्देश देने के लिए ज्ञानेश्वर स्थित अपने आधिकारिक निवास पर बुलाया। राजनीतिक हस्तक्षेप के ये कार्य अवैध और असंवैधानिक थे।
मैं विनम्रतापूर्वक के साथ कहता हूं कि मैं अपने पुलिस बल की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। हालांकि, राजनीतिक हस्तक्षेप के उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि अधर्म की जिम्मेदारी कहीं और झूठी हो सकती है।
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मेरे खिलाफ कोई भी सामग्री या साक्ष्य का प्रमाण नहीं है- सबूत से दूर- न तो मेरे खिलाफ पाया गया या मेरे खिलाफ लगाया गया। अनुमानों, संदेह और शुद्ध अटकलों को छोड़कर, मेरे खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई विवरण नहीं मिला है। सचिन वाजे के कॉल रिकॉर्ड्स और फोन डाटा की जांच की जाए ताकि आरोपों की सच्चाई का पता चल सके और सच्चाई सामने आए।
चिट्ठी के अंत में परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री से कहा कि मैंने आपको सच्ची तस्वीर से विनम्रतापूर्वक अवगत कराया है ताकि आप इस पर विचार और सुधारात्मक कार्रवाई कर सके।
रिपोर्ट- नीलमणि लाल
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