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संसद के शीत सत्र में सरकार चाहती है ये बड़े फैसले लागू करवाना

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत 18 नवंबर से होगी जो 13 दिसंबर तक चलेगी। संसदीय कार्य मंत्रालय ने संसद के दोनों सदनों के सचिवालय को यह जानकारी। इस सत्र में सरकार की तरफ से कई अहम विधेयक पेश कर सकती है।

Dharmendra kumar
Published on: 21 Oct 2019 3:00 PM IST
संसद के शीत सत्र में सरकार चाहती है ये बड़े फैसले लागू करवाना
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नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत 18 नवंबर से होगी जो 13 दिसंबर तक चलेगी। संसदीय कार्य मंत्रालय ने संसद के दोनों सदनों के सचिवालय को यह जानकारी। इस सत्र में सरकार की तरफ से कई अहम विधेयक पेश कर सकती है।

इसके साथ ही सरकार दो महत्वपूर्ण अध्यादेश को कानून बनाने की योजना पर भी काम कर रही है। केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, सितंबर 2019 में संशोधन के लिए जारी किया था।

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तो वहीं दूसरा अध्यादेश भी सितंबर में जारी किया गया था और यह ई-सिगरेट और इसी तरह के उपकरणों की बिक्री, निर्माण और भंडारण पर प्रतिबंध से संबंधित है।

इस सत्र में विपक्ष सरकार को रोजगार, आर्थिक सुस्ती और PMC बैंक समेत कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगा। जम्मू-कश्मीर में विपक्ष के नजरबंद नेताओं का मुद्दा भी उठ सकता है।

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17 वीं लोकसभा के पहले सत्र में 35 विधेयक पारित हुए थे। इस दौरान सत्र की 37 बैठके हुई थीं। 17वीं लोकसभा में 1952 में बनी पहली लोकसभा के पहले सत्र में 24 विधेयकों को पारित करने का रिकॉर्ड टूट गया था। इस सत्र में पारित होने वाले विधेयकों में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन और तीन तलाक समेत कई अहम बिल शामिल रहे।

6 अगस्त को लोकसभ अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की थी। यह सत्र 1952 से लेकर अब तक का सबसे स्वर्णिम सत्र रहा।

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यह सत्र 7 अगस्त तक प्रस्तावित था, लेकिन सरकार के आग्रह पर स्पीकर ने इसे एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

उन्होंने कहा कि 17 जून से 6 अगस्त तक चले इस सत्र में कुल 37 बैठकें हुईं और करीब 280 घंटे तक कार्यवाही चली। बिड़ला ने सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और विपक्षी दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया।



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