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रामदेव की कोरोना दवा: लॉन्च होने के बाद आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से पूछे ये सवाल

कोरोना वायरस के इलाज को लेकर दुनिया के तमाम वैज्ञानिक और डॉक्टर्स शोध में जुटे है, इसी बीच योगगुरु रामदेव ने कोरोना की कारगर दवा बनाने का दावा किया और पतांजलि ने इसे देश में लॉन्च भी कर दिया।

Dharmendra kumar
Published on: 24 Jun 2020 10:05 AM IST
रामदेव की कोरोना दवा: लॉन्च होने के बाद आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से पूछे ये सवाल
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस के इलाज को लेकर दुनिया के तमाम वैज्ञानिक और डॉक्टर्स शोध में जुटे है, इसी बीच योगगुरु रामदेव ने कोरोना की कारगर दवा बनाने का दावा किया और पतांजलि ने इसे देश में लॉन्च भी कर दिया। रामदेव ने दवा की लॉन्चिंग के मौके पर बड़ा एलान करते हुए कहा कि ‘कोरोनिल दवा’ सात दिन के अंदर रोगी को पूरी तरीके से ठीक कर देगी। दवा की रिकवरी रेट सौ फीसदी है और डेथ रेट शून्य हैं।

मंगलवार को इस दवाई के लाॅन्च होने के बाद आयुष मंत्रालय ने एक बयान जारी किया और इस दवाई के प्रचार पर रोक लगा दी। इसके साथ मंत्रालय ने पतंजलि से पूरी जानकारी मांगी है। यानी मंत्रालय ने अभी दवाई को मंजूरी नहीं दी है।

जब कोरोना दुनियाभर में तबाही मचा रहा है, तब बाबा रामदेव ने कोरोना की दवा का एलान कर सबको हैरत में डाल दिया। हालांकि बाबा रामदेव के एलान के कुछ ही घंटों के बाद ही आयुष मंत्रालय के बयान दिया और कई सवाल खड़े हो गए। सिर्फ 7 दिनों में कोरोना के इलाज के दावे को लेकर केंद्रीय आयुष मंत्रालय हरकत में आ गया। मंत्रालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए साफ कर दिया कि उसको इस तरह की दवा की कोई जानकारी नहीं हैं।

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आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से पूछे ये सवाल

-कोरोनिल दवा में इस्तेमाल किए गए तत्वों का विवरण दें।

-जहां दवा पर अध्ययन किया गया है उस जगह का नाम, हॉस्पिटल का नाम, प्रोटोकॉल, सैंपल साइज की भी डिटेल मांगी है।

-संस्थागत आचार समिति की मंजूरी, सीटीआरआई रजिस्ट्रेशन और अध्ययन के नतीजों का डेटा भी मांगा गया है।

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इसके साथ ही आयुष मंत्रालय ने कहा कि जब तक मामले की जांच नहीं हो जाती तब तक इस तरह के दावों के विज्ञापन पर रोक लगे। आयुष मंत्रालय की इस आपत्ति के बाद पतंजलि ने सफाई पेश की। पंतजलि की तरफ से अपने दावे को साबित करने के लिए आयुष मंत्रालय को सबूत पेश किए, साथ ही कहा कि ये सिर्फ एक कम्युनिकेशन गैप था।

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आयुष मंत्रालय के इस बयान के बाद पतंजलि की तरफ आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट करके जानकारी शेयर की है। जिसमें विवरण दिया गया है और जानकारी आयुष मंत्रालय के साथ साझा करने की बात कही है।

पतंजलि ने जवाब में कहा गया कि यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन और गौरव देने वाली है जो कम्युनिकेशन गैप था वह दूर हो गया है और Randomised Placebo Controlled Clinical Trials के जितने भी Standard Parameters हैं उन सबको 100% पूरा किया है। इसकी सारी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी गई है।

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