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Rahul Gandhi की मुश्किलें फिर बढ़ीं, ‘मोदी सरनेम’ वाले बयान पर अब पटना की अदालत ने जारी किया समन
Rahul Gandhi Controversy: पटना की एमपी/एमएलए कोर्ट ने अगले महीने की 12 तारीख को अदालत के समक्ष पेश होकर अपना बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है। दरअसल, इससे पहले इसी तरह के एक मामले में पिछले दिनों गुजरात के सूरत स्थित एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी।
Rahul Gandhi Controversy: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें एकबार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। मोदी सरनेम वालों को चोर कहने वाला उनका पुराना अब उनके गले की फांस बनता जा रहा है। अब इस मामले में बिहार की राजधानी पटना की एक अदालत ने उन्हें समन जारी कर 12 अप्रैल को पेश होने का आदेश जारी किया है। उन्हें यह समन पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा एमपी सुशील कुमार मोदी की शिकायत पर जारी किया गया है।
मानहानि के मामले में दो साल की सजा
पटना की एमपी/एमएलए कोर्ट ने अगले महीने की 12 तारीख को अदालत के समक्ष पेश होकर अपना बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है। दरअसल, इससे पहले इसी तरह के एक मामले में पिछले दिनों गुजरात के सूरत स्थित एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। उनके खिलाफ बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने मामला दर्ज कराया था। इस मामले में फिलहाल राहुल जमानत पर हैं। दो साल की सजा होने के कारण उनकी संसद सदस्यता भी जा चुकी है।
राहुल गांधी होंगे पेश ?
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के वकील एसडी संजय ने मीडिया को बताया कि शिकायतकर्ता के पक्ष के सभी गवाहों के बयान दर्ज किया जा चुके हैं। अब राहुल गांधी के बयान के लिए मामला लंबित है और उनका बयान दर्ज करने के लिए 12 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें बुलाया है। हालांकि, कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उस दिन राहुल गांधी के पेश होने की संभावना कम है। उनके वकील अंशुल गुप्ता अदालत से कोई दूसरी तारीख की मांग कर सकते हैं।
2019 में दर्ज हुई थी शिकायत
2019 के आम चुनाव के दरम्यान कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी को घेरने के क्रम में मोदी सरनेम वालों को चोर कह दिया था। जिस पर बवाल हो गया। गुजरात की तरह बिहार में भी तत्कालीन डिप्टी सीएम और मौजूदा राज्यसभा एमपी सुशील कुमार मोदी ने पटना की एक अदालत में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
समुदाय को अपमानित करने का आरोप
उन्होंने कांग्रेस नेता पर मोदी समुदाय को अपमानित करने का आरोप कोर्ट में लगाया था। बाद में राहुल गांधी ने अदालत के सामने सरेंडर कर दिया था और उन्हें जमानत भी मिल गई। इस मामले में सुशील मोदी समेत 5 गवाह हैं। पांचों गवाह के बयान अगस्त 2022 तक दर्ज हो गए थे। शिकायतकर्ता ने इस साल फरवरी में राहुल के खिलाफ कोर्ट में सबूत सौंपे थे, जिस पर आज सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें समन भेजा है।
सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 को लेकर इस समय देश में खासा बवाल मचा हुआ है। इस कठोर कानून के शिकार देश के कई दिग्गज राजनेता अब तक हो चुके हैं, जिनमें कुछ तो मुख्यमंत्री तक रह चुके थे। इस लिस्ट में लेटेस्ट एंट्री हुई है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की, जिसके बाद से कानून पर बहस छिड़ी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को एक बेहद अहम टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने जनप्रतिनिधित्व कानून को बेहद सख्त बताते हुए कहा कि अदालतों को विधायकों और सांसदों को सजा सुनाते वक्त थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए।
फैजल की सदस्यता बहाल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने यह टिप्पणी लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता बहाल किए जाने की मांग पर सुनवाई करते हुए की। फैजल को हत्या के एक मामले में 10 वर्ष की सजा हुई थी, जिसके कारण उनकी संसद सदस्यता चली गई थी। लोअर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ उन्होंने केरल हाईकोर्ट में अपील की, जहां से उन्हें स्टे मिला। लेकिन फिर भी उनकी संसद सदस्यता महीनों तक बहाल नहीं हुई। जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया।