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Opposition Meeting: पटना बैठक का प. बंगाल में असर नहीं, कांग्रेस का ममता पर बड़ा हमला, TMC के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान

Opposition Meeting: पटना की बैठक के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता सरकार को घेरते हुए पार्टी की चुनावी रणनीति का खुलासा कर दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बंगाल के अगले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और वामदलों के बीच गठबंधन होगा और हम तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ेंगे।

Anshuman Tiwari
Published on: 25 Jun 2023 10:40 AM IST
Opposition Meeting: पटना बैठक का प. बंगाल में असर नहीं, कांग्रेस का ममता पर बड़ा हमला, TMC के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान
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Patna Opposition Meeting (Photo: Social Media)

Opposition Meeting: विपक्षी दलों के कद्दावर नेताओं की हाल में पटना में हुई बैठक के बावजूद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने टीएमसी मुखिया और राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता को घेरते हुए स्पष्ट शब्दों में ऐलान किया है कि अगले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस वामदलों के साथ मिलकर तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ेगी।

चौधरी के ऐलान से साफ हो गया है कि पटना बैठक के दौरान भले ही विपक्षी नेताओं की ओर से एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की गई हो मगर यह ख्याली पुलाव के अलावा कुछ नहीं है। विभिन्न राज्यों में विपक्षी दलों के बीच जबर्दस्त खींचतान दिख रही है। सियासी जानकारों का कहना है कि इस खींचतान को देखते हुए विपक्षी एकता को हकीकत की जमीन पर उतारना काफी मुश्किल साबित होगा।

कांग्रेस का टीएमसी के खिलाफ लड़ने का ऐलान

मजे की बात यह है कि पटना में 23 जून को हुई बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया था। इस बैठक के दौरान सभी नेताओं ने आपसी मतभेद भुलाकर भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर मजबूत लड़ाई लड़ने पर जोर दिया था। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कांग्रेस और टीएमसी नेतृत्व ने भी भाजपा के खिलाफ साझा लड़ाई लड़ने की बात कही थी।

पटना की इस बैठक के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता सरकार को घेरते हुए पार्टी की चुनावी रणनीति का खुलासा कर दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बंगाल के अगले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और वामदलों के बीच गठबंधन होगा और हम तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ेंगे।

टीएमसी से नहीं हो सकता कोई गठबंधन

चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अब यह बात समझ में आ गई है कि देश की सियासत किधर जा रही है। इसलिए वे अब राहुल गांधी को मनाने की कोशिश में जुट गई हैं और इसीलिए वे पटना बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंची थीं। ममता बनर्जी को इस बात का बखूबी एहसास हो गया है कि देश की सियासत में भविष्य कांग्रेस का ही है और इसीलिए वे कांग्रेस को मनाना चाहती हैं।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और टीएमसी के बीच गठबंधन नहीं हो सकता। हमने वामदलों के साथ मिलकर तृणमूल के खिलाफ लड़ाई लड़ने का फैसला किया है क्योंकि हम चोर और अपराधियों की कोई बात नहीं सुनना चाहते। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर चाहे कुछ भी फैसला लिया जाए मगर बंगाल में कांग्रेस को ममता बनर्जी की अगुवाई कभी मंजूर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बंगाल में कांग्रेस भाजपा और टीएमसी दोनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।

पंचायत चुनाव में भी खिंची तलवारें

पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं और इस चुनाव को लेकर भी कांग्रेस ममता बनर्जी पर हमलावर है। पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान चौधरी ने टीएमसी पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में गुंडागर्दी और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग भी की थी।

बाद में यह मामला कोर्ट भी पहुंच गया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी अभी हाल में केंद्रीय बलों की तैनाती के बीच पंचायत चुनाव कराने का आदेश दिया है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और टीएमसी में जबरदस्त खींचतान चली थी। शीर्ष अदालत ने इस मामले में ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग को जमकर लताड़ा था।

आखिर कैसे होगी विपक्षी दलों में एकजुटता

टीएमसी के नेता कुणाल घोष का कहना है कि कांग्रेस और भाजपा के पास मजबूत उम्मीदवार नहीं है और इसलिए टीएमसी पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। अब पटना बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी ने लोकसभा चुनाव को लेकर भी पार्टी का रुख साफ कर दिया है। हालांकि अभी तक पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से इस बाबत कोई बयान नहीं जारी किया गया है मगर माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व के लिए भी राज्य इकाई के इस रुख की अनदेखी करना काफी मुश्किल होगा।

सियासी जानकारों के मुताबिक पटना बैठक में भले ही विपक्षी नेताओं की ओर से भाजपा के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ने की बात कही गई हो मगर विभिन्न राज्यों में विपक्षी दलों के बीच ज़बर्दस्त खींचतान का माहौल दिख रहा है। ऐसे में विपक्षी एकजुटता का सपना पूरा करना आसान नहीं होगा।



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Anshuman Tiwari

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