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दुनियाभर में किसान आंदोलन चर्चित, बेहतरी के हर फैसले का अमेरिका करेगा स्वागत

किसान आंदोलन को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमें लगता है कि शांतिपूर्ण तरीके से जारी प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा है, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी बात को कहा है।

Vidushi Mishra
Published on: 4 Feb 2021 6:46 AM GMT
दुनियाभर में किसान आंदोलन चर्चित, बेहतरी के हर फैसले का अमेरिका करेगा स्वागत
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विपक्ष के सांसदों की टीम में अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी, टीएमसी सांसद सौगत रॉय शामिल रहे।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में जारी किसानों का कृषि कानून के विरोध में चल रहा आंदोलन अब दुनियाभर में सुर्खियां बटोर रहा है। ऐसे में अमेरिका की तरफ से भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी गई है। इस बारे में अमेरिका का कहना है कि किसी भी विवाद या प्रदर्शन को लेकर दोनों पार्टियों में चर्चा होनी चाहिए और बातचीत के जरिए मसले का हल निकलना चाहिए।

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बातचीत के जरिए हल

किसान आंदोलन को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमें लगता है कि शांतिपूर्ण तरीके से जारी प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा है, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी बात को कहा है। अब यदि दोनों पक्षों में मतभेद है तो उसे बातचीत के जरिए हल करना चाहिए।

ऐसे में प्रवक्ता की तरफ से कहा गया कि कृषि क्षेत्र को बेहतर करने के किसी भी फैसले का अमेरिका स्वागत करता है, प्राइवेट सेक्टर को इस ओर लाने का भी स्वागत है। बता दें कि जो बाइडेन प्रशासन की तरफ से पहली बार भारत में जारी आंदोलन को लेकर सीधी प्रक्रिया दी गई है।

इसके साथ ही दिल्ली के आसपास इंटरनेट बंदी को लेकर अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि हमें लगता है कि किसी भी जानकारी को आम लोगों तक पहुंचाना, जिसका इंटरनेट भी एक हिस्सा है, वो एक अच्छे लोकतंत्र का हिस्सा है।

Farmers Protest फोटो-सोशल मीडिया

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किसानों का जमावड़ा

आपको बता दें कि सरकार की तरफ से दिल्ली की सीमाओं इंटरनेट की सुविधा को बंद किया गया है। दिल्ली के टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर ही किसानों का जमावड़ा है, जहां पर इंटरनेट बैन है। इसके अलावा हरियाणा के भी कई जिलों में इंटरनेट को बंद किया गया है।

दरअसल भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले दिन ही अपने एक बयान में कहा था कि किसानों का मसला भारत का आंतरिक मामला है, ऐसे में किसी भी बाहरी व्यक्ति या संस्था को इसपर बयानबाजी करने से बचना चाहिए।

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Vidushi Mishra

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